Lok Sabha Election 2024: इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इनक्लूसिव अलायंस (इंडिया अलायंस) में शामिल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (AAP) ने शनिवार (24 फरवरी) को सीट शेयरिंग का ऐलान कर दिया. इसके साथ ही दोनों दल अब लोकसभा चुनाव में दिल्ली, गुजरात, गोवा और हरियाणा में मिलकर चुनाव लड़ेंगे. हालांकि, पंजाब को लेकर दोनों दलों के बीच कोई सहमति नहीं बनी है. इस बीच भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने इंडिया गठबंधन पर निशाना साधा और इसे एक अवसरवादी गठबंधन करार दिया.
कांग्रेस और AAP के बीच सीट शेयरिंग का सबसे जटिल और दिलचस्प मामला दिल्ली का है, जहां 7 लोकसभा सीटें हैं. दिलचस्प बात यह है कि पिछले दो लोकसभा चुनावों में AAP और कांग्रेस दोनों ही दिल्ली में एक भी सीट नहीं जीत सकी हैं. हालांकि, आम आदमी पार्टी ने लगातार दो बार दिल्ली विधानसभा चुनावों में बीजेपी को हराया है.
लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस दिल्ली की 3 और आम आदमी पार्टी 4 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. ऐसे में सवाल यह है कि कांग्रेस और AAP के बीच हुआ यह गठबंधन बीजेपी के लिए कितना बड़ा खतरा हो सकता है?
2019 में बीजेपी को मिले 50 फीसदी से ज्यादा वोट
अगर 2019 के लोकसभा चुनाव के आंकड़ों को देखा जाए तो यह बीजेपी के लिए ज्यादा बड़ी चुनौती नहीं है, क्योंकि 2019 में दिल्ली की सभी सात लोकसभा सीटों पर बीजेपी के उम्मीदवारों को 50 प्रतिशत से अधिक वोट मिले थे. इसका मतलब है कि अगर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी 2019 में एक साथ चुनाव लड़ते तो भी वे बीजेपी को हराने में कामयाब नहीं होते.
AAP के मुकाबले कांग्रेस का प्रदर्शन बेहतर
AAP भले ही पार्टी के लिए 4 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़कर दिल्ली में बड़े भाई की भूमिका निभा रही हो, लेकिन 2019 के चुनावों में अरविंद केजरीवाल की पार्टी का वोट शेयर 7 में से 5 सीटों पर कांग्रेस से कम था. इतना ही नहीं जब आम चुनावों की बात आती है, तो कांग्रेस का प्रदर्शन AAP से बेहतर होता है.
AAP का वोट प्रतिशत घटा
इतना ही दिल्ली में AAP का वोट शेयर 2014 के मुकाबले 2019 लोकसभा चुनाव में 13 फीसदी ज्यादा कम हो गया था. जहां पार्टी ने 2014 लोकसभा चुनाव में 32.92 प्रतिशत वोट हासिल किया था. वे पिछले लोकसभा चुनाव में घटकर 18.11 प्रतिशत रह गया. दूसरी ओर 2014 में 15.15 फीसदी वोट शेयर पाने वाली कांग्रेस ने 2019 लोकसभा चुनाव में 22.51 फीसदी वोट हासिल किया.
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