Naveen Patnaik: भारतीय जनता पार्टी (BJP) आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारियों में अभी से ही जुट गई है. पार्टी के नेताओं की ओर से रैलियों का दौर शुरू हो चुका है. इसी कड़ी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार (3 फरवरी) को ओडिशा में एक रैली को संबोधित किया. पांच साल में ओडिशा में यह उनकी पहली सार्वजनिक रैली थी.
इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने “ओडिशा की उपेक्षा और अपमान” करने के लिए कांग्रेस पर हमला बोला, लेकिन मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के नेतृत्व वाले बीजू जनता दल (बीजेडी) के 24 साल के शासन पर पीएम मोदी चुप रहे. हालांकि ओडिशा बीजेपी के नेता लोगों से आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनावों में राज्य में बदलाव लाने की अपील कर रही है. अभी बीजेपी ही राज्य में प्रमुख विपक्षी दल है.
पीएम मोदी ने बीजेडी चीफ को बताया अपना दोस्त
पीएम मोदी ने इस दौरान भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) के संबलपुर परिसर का उद्घाटन किया. मंच पर लोगों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने बीजेडी सुप्रीमो को अपना दोस्त बताया. पटनायक ने भी मोदी की सराहना करते हुए कहा, “प्रधानमंत्री ने भारत के लिए एक नई दिशा तय की है और हम एक आर्थिक महाशक्ति बनने की राह पर हैं.”
लोगों को बताई अपनी गारंटी
संबलपुर के रेमेड में आयोजित इस बैठक के बाद पीएम मोदी ने स्थानीय बीजेपी की ओर से आयोजित सार्वजनिक बैठक को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने अपनी “गारंटी” की वकालत की और विभिन्न क्षेत्रों में ओडिशा में अपनी सरकार के योगदान को बताया. उन्होंने 2014 से पहले और अपने शासन के तहत पिछले 10 वर्षों में राज्य में केंद्र के योगदान के बीच तुलना भी की.
2019 के चुनाव में दोनों एक-दूसरे के विरोधी
पीएम मोदी ने आखिरी बार 2019 के लोकसभा चुनाव के चौथे चरण के मतदान से पहले 23 अप्रैल, 2019 को ओडिशा के केंद्रपाड़ा में रैली की थी. इस रैली में उन्होंने ओडिशा की तुलना पड़ोसी राज्य बंगाल से करते हुए बीजेपी कार्यकर्ताओं के खिलाफ हिंसा को लेकर पटनायक पर निशाना साधा था. तब उन्होंने कहा था कि, ओडिशा में उनकी पार्टी के कैडर के खिलाफ बंगाल जैसी हिंसा का इस्तेमाल किया गया था और प्रशासनिक अधिकारियों ने इसे नजरअंदाज कर दिया था. नवीन बाबू, आप जा रहे हैं, यह तय हो गया है. ये मुट्ठी भर अधिकारी आपको नहीं बचा सकते.”
यही नहीं, 22 सितंबर, 2018 को झारसुगुड़ा में एक रैली को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कथित भ्रष्टाचार को लेकर पटनायक सरकार पर हमला किया था. मोदी ने तब आरोप लगाया था, ”रिश्वत और भ्रष्टाचार के बिना, ओडिशा में काम करना संभव नहीं है.”
अचानक दोनों दल एक दूसरे के आने लगे करीब
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 2019 के चुनावों से पहले पटनायक को “जला हुआ ट्रांसफार्मर” तक कहा था और लोगों से बीजद सरकार को हटाने का आह्वान किया था, लेकिन अब अचानक सब कुछ बदला बदला सा नजर आ रहा है. 2019 के चुनावों के बाद बीजेडी ने प्रमुख कानून पारित करने और राष्ट्रपति चुनाव सहित कई मुद्दों पर संसद के अंदर और बाहर मोदी सरकार को समर्थन दिया है. इसके बाद बीजेपी ने भी अब बीजेडी सरकार की तारीफ शुरू कर दी है. इन सब चीजों को देखते हुए कयास लगाए जा रहे हैं कि कहीं बीजेडी भी अब एनडीए में लौटने की तैयारी में तो नहीं है.
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