PM Modi On Lok Sabha Election 2024: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार (08 अगस्त) को कहा कि विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इनक्लूसिव अलायंस’ (I.N.D.I.A) खुद अविश्वास से भरा हुआ है. अपने घटक दलों के विश्वास को परखने के लिए वह उनके नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आया है.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, प्रधानमंत्री ने बीजेपी के संसदीय दल की बैठक को संबोधित करते हुए यह बात कही. पीएम मोदी ने विपक्ष के गठबंधन को ‘घमंडिया’ करार दिया और दिल्ली सेवा विधेयक पर मतदान में सेमीफाइनल जीत के लिए पार्टी के राज्यसभा सदस्यों को बधाई दी.
‘विपक्ष अविश्वास से भरा हुआ है…’
सूत्रों के अनुसार मोदी ने कहा कि कुछ विपक्षी सदस्यों ने राज्यसभा में मतदान को 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले का सेमीफाइनल बताया था. दिल्ली सेवा विधेयक को सोमवार (07 अगस्त) को संसद की मंजूरी मिल गई. राज्यसभा में इस विधेयक पर चर्चा के बाद हुए मतदान में 131 सदस्यों ने इसके पक्ष में और 101 ने इसके खिलाफ मतदान किया.
बैठक में मौजूद बीजेपी के एक सांसद के मुताबिक मोदी ने कहा, ‘विपक्ष अविश्वास से भरा हुआ है… और अपने सहयोगियों का विश्वास परखने के लिए केंद्र सरकार के खिलाफ वह अविश्वास प्रस्ताव लेकर आए हैं.’
‘आखिरी गेंद पर छक्का लगाएं’
मंगलवार यानी आज लोकसभा में केंद्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा हो रही है. विपक्ष की ओर से इस चर्चा की शुरुआत कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने की. गोगोई ने मणिपुर में हिंसा को लेकर केंद्र सरकार पर तीखा प्रहार किया. उन्होंने कहा कि विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव लाया गया ताकि इस मामले पर पीएम मोदी का मौनव्रत तोड़ा जा सके.
लोकसभा में सत्तारूढ़ पार्टी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का विफल होना तय समझा जा रहा है. मोदी ने इस सिलसिले में लोकसभा में होने वाली चर्चा की ओर सदस्यों का ध्यान आकृष्ट करते हुए उनसे कहा कि वे 2024 के चुनावों से पहले आखिरी गेंद पर ‘छक्का’ लगाएं.
तुष्टिकरण की राजनीति को खत्म करने का समय
उन्होंने 2018 के अपने भाषण का भी उल्लेख किया, जिसमें उन्होंने विपक्ष से 2023 में उनकी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की बात कही थी. विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए पीएम ने कहा कि उनके नेता सामाजिक न्याय की बात करते हैं लेकिन उन्होंने वंशवादी, तुष्टिकरण और भ्रष्ट राजनीति से इसे सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया.
उन्होंने कहा कि यह समय भ्रष्टाचार, वंशवाद और तुष्टिकरण की राजनीति को खत्म करने का है. मोदी ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि उनके तीसरे कार्यकाल के दौरान सांसदों को रेल मंत्रालय से संबंधित कार्यों के लिए जोर नहीं देना पड़ेगा क्योंकि रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक प्रस्तुति दी थी, जिसमें संकेत दिया गया है कि जारी विकास परियोजनाओं में उनकी मांगों का ध्यान रखा जाएगा.
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