Fali Sam Nariman: प्रसिद्ध कानूनविद् फली सैम नरीमन का बुधवार (21 फरवरी) को 95 वर्ष की उम्र में निधन हो गया. उनके निधन की खबर से देश में शोक की लहर दौड़ गई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी नरीमन के निधन पर शोक जताया और कहा कि उन्होंने अपना जीवन आम नागरिकों तक न्याय सुनिश्चित करने के लिए समर्पित कर दिया. उन्हें कानूनी जगत में वकीलों के भीष्म पितामह की उपाधि मिली हुई थी. नेताओं से लेकर वकील तक सभी उनके कायल थे.
कानून विशेषज्ञ एवं दिग्गज अधिवक्ता फली नरीमन का निधन दिल्ली में हुआ. वह हृदय संबंधित परेशानियों सहित कई बीमारियों से जूझ रहे थे. पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पोस्ट एक्स पर लिखा, ‘फली नरीमन उत्कृष्ट विधि विशेषज्ञों और बुद्धिजीवियों में से थे. उन्होंने अपना जीवन आम नागरिकों तक न्याय सुनिश्चित करने के लिए समर्पित कर दिया. मैं उनके निधन से दुखी हूं. मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और प्रशंसकों के साथ हैं. उनकी आत्मा को शांति मिले.’
Shri Fali Nariman Ji was among the many most outstanding legal minds and intellectuals. He devoted his life to creating justice accessible to frequent residents. I’m pained by his passing away. My ideas are along with his household and admirers. Might his soul relaxation in peace.
— Narendra Modi (@narendramodi) February 21, 2024
बॉम्बे हाईकोर्ट से शुरू की वकालत
फली सैम नरीमन का जन्म 10 जनवरी, 1929 को रंगून (अब यांगून) में हुआ था. उनका परिवार बिजनेस करता था. उन्होंने वकालत की शुरुआत 1950 में बॉम्बे हाईकोर्ट से की थी. 1961 में जाकर उन्हें वरिष्ठ वकील का दर्जा दिया गया. द्वितीय विश्व युद्ध के समय जब 1942 में जापान ने यंगून पर हमला किया, तो उनका परिवार भागकर भारत आ गया, जिसके बाद वह यहां ही रहने लगे. उनका करियर 70 साल से ज्यादा समय तक रहा है.
जब इमरजेंसी के दौर में छोड़ा पद
बॉम्बे हाईकोर्ट से करियर की शुरुआत करने वाले नरीमन ने अपने करियर में कई ऊंचाइयों को हासिल किया. 1972 में उन्हें देश का अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल बनाया गया. हालांकि, जब इंदिरा गांधी 25 जून, 1975 को इमरजेंसी लागू की, तो उन्होंने इसके अगले ही दिन अपना पद छोड़ दिया. नरीमन को जनवरी 1991 में पद्म भूषण और 2007 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया. नवंबर 1999 में उन्हें राज्यसभा के सदस्य के रूप में भी मनोनित किया गया था.
नरीमन ने इन ऐतिहासिक मामलों में की पैरवी
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, फली नरीमन देश के प्रसिद्ध वकीलों में से एक थे. यही वजह है कि उन्होंने कुछ सबसे प्रमुख मामलों की पैरवी भी की है. इनमें भोपाल गैस त्रासदी, ‘टीएमए पाई फाउंडेशन’ और जयललिता का आय से अधिक संपत्ति जैसे केस शामिल हैं. नरीमन ने ‘बिफोर द मेमोरी फेड्स’, ‘द स्टेट ऑफ द नेशन’, ‘इंडियाज लीगल सिस्टम: कैन इट बी सेव्ड?’ और ‘गॉड सेव द ऑनर्बेल सुप्रीम कोर्ट’ जैसी किताबें भी लिखीं.
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