Kolkata Doctor Rape-Murder Case: कोलकाता में एक ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या के मामले में देशभर में रोष देखने को मिल रहा है. इस घटना के बाद से ही पश्चिम बंगाल से लेकर दिल्ली तक के राज्यों में कई अस्पतालों में अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान कर दिया गया है.
दिल्ली में केंद्र की ओर से संचालित एम्स, आरएमएल अस्पताल और सफदरजंग अस्पताल समेत कई अस्पतालों के रेजीडेंट डॉक्टरों ने सोमवार (12 अगस्त) को अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी. फेडरेशन ऑफ रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (फोरडा) के अनुसार अनिश्चितकालीन हड़ताल के दौरान आपातकालीन सेवाएं सामान्य दिनों की तरह चालू रहेंगी.
दिल्ली में किन अस्पतालों में हड़ताल?
दिल्ली के मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज, राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल, लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज, वीएमएमसी और सफदरजंग अस्पताल, दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल, गुरु तेग बहादुर अस्पताल, मानव व्यवहार एवं संबद्ध विज्ञान संस्थान (इहबास), डॉ. बाबा साहेब आंबेडकर मेडिकल कॉलेज और राष्ट्रीय क्षय एवं श्वसन रोग संस्थान के डॉक्टर भी इस हड़ताल में शामिल रहे.
यूपी के किन अस्पतालों में हड़ताल?
यूपी में सोमवार (12 अगस्त) को चार हजार रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर रहे. लखनऊ के एसजीपीजीआई, लोहिया संस्थान और केजीएमयू समेत अन्य शहरों के अस्पतालों में भी डॉक्टरों की हड़ताल का असर देखने को मिला. ये हड़ताल आगे भी जारी रहने की संभावना है.
मध्य प्रदेश में कौन से अस्पतालों में हड़ताल?
मध्य प्रदेश के भोपाल-इंदौर समेत कई शहरों में डॉक्टरों ने हड़ताल के तौर पर रुटीन काम रोक दिया. वहीं, इंदौर में मृतका के लिए एमवाय अस्पताल से एमजीएम मेडिकल कॉलेज तक कैंडिल मार्च निकाला गया. यहां भी हड़ताल 14 अगस्त को जारी रह सकती है.
महाराष्ट्र में भी दिखेगा हड़ताल का असर
महाराष्ट्र के रेजिडेंट डॉक्टरों ने मंगलवार (13 अगस्त) से अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा की है. केंद्रीय एमएआरडी (महाराष्ट्र स्टेट एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स) ने एक बयान में कहा, ”मंगलवार से पूरे महाराष्ट्र के अस्पतालों में सभी वैकल्पिक सेवाएं बंद कर दी जाएंगी. सभी आपातकालीन सेवाएं हमेशा की तरह जारी रहेंगी.”
रेजिडेंट डॉक्टरों की क्या है मांग?
फोरडा के महासचिव डॉ. सर्वेश पांडे ने कहा, ”हमने स्वास्थ्य सचिव के सामने अपनी मांगें रखीं, जिनमें आरजी कर मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य को तत्काल हटाना, सीबीआई से जांच कराना, त्वरित अदालत में मामले की सुनवाई और केंद्रीय सुरक्षा अधिनियम को लागू करने के लिए एक समिति का गठन शामिल है.”

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