Arshdeep Dala Record: खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या पर कनाडा के रुख से उसके और भारत के बीच संबंध तनावपूर्ण दौर से गुजर रहे हैं. हाल में कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों की संभावित संलिप्तता का आरोप लगाया. इस बीच चरमपंथी गतिविधियां सुर्खियों में हैं.
एचटी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय खुफिया एजेंसियों की ओर से तैयार किए गए एक डोजियर (फाइल) में अर्शदीप सिंह उर्फ अर्श डल्ला को सूचीबद्ध किया गया है. अर्श डल्ला जुलाई 2020 में भारत से भाग गया था. उसे कनाडा में सक्रिय खालिस्तान समर्थक तत्वों में से एक के रूप में सूचीबद्ध किया गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि डोजियर से पता चलता है कि अर्श डल्ला का किलिंग रिकॉर्ड मारे जा चुके केटीएफ प्रमुख हरदीप सिंह निज्जर से भी बड़ा है.
पत्नी और बेटी के साथ सरे में रह रहा है अर्श डल्ला
रिपोर्ट के मुताबिक, अर्श डल्ला मूल रूप से पंजाब के मोगा जिले के डल्ला गांव का रहने वाला है. वह कई संगठित आपराधिक वारदातों में शामिल रहा है और खालिस्तान टाइगर फोर्स (KTF) और इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन (ISYF) समेत चरमपंथी समूहों से जुड़ा है. अर्श डल्ला कुख्यात कनाडाई गैंगस्टर गोल्डी बराड़ से भी जुड़ा है.
27 वर्षीय अर्श डल्ला अपनी पत्नी और बेटी के साथ कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत के सरे में रह रहा है. यहीं निज्जर रहा करता था. उसके पास जालंधर के क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय की ओर से जारी किए गया पासपोर्ट है, जिसे 1 सितंबर 2017 को जारी किया गया था और जो 31 अगस्त, 2027 तक वैध है.
अर्श डल्ला 2020 में सक्रिय हुआ. वह मुख्य रूप से आतंकी मॉड्यूल को खड़ा करने, सीमा पार से हथियारों की सप्लाई की व्यवस्था करने, धन जुटाने और पंजाब में टारगेट किलिंग करवाने में शामिल था.
पंजाब में आतंकी गतिविधियां
रिपोर्ट के मुताबिक, अर्श डल्ला ने हरदीप सिंह निज्जर के साथ मिलकर 2021 में 3 सदस्यीय केटीएफ मॉड्यूल खड़ा किया था जोकि मोगा में सनशाइन क्लॉथ स्टोर के मालिक तेजिंदर उर्फ पिंका की हत्या के लिए जिम्मेदार था, साथ ही जुलाई 2021 में बेअदबी के आरोपी शक्ति सिंह के अपहरण और हत्या के प्रयास का जिम्मेदार भी था.
नवंबर 2020 में बठिंडा में डेरा सच्चा सौदा के अनुयायी मनोहर लाल की हत्या की गई थी. अर्श डल्ला ने मनोहर लाल की हत्या की जिम्मेदारी मृतक अपराधी सुखप्रीत सिंह के फेसबुक अकाउंट से ली थी. डल्ला ने जनवरी 2021 में अपने सहयोगियों राम सिंह उर्फ सोना और कमलजीत शर्मा उर्फ कमल के माध्यम से जालंधर के फिल्लौर में एक हिंदू पुजारी प्रज्ञा ज्ञान मुनि पर हमले की कथित साजिश रची थी.
बनाए कई केटीएफ मॉड्यूल
रिपोर्ट कहती है कि अक्टूबर 2021 में गैंगस्टर बिक्रम बराड़ और गोल्डी बराड़ के साथ मिलकर 4 सदस्यीय केटीएफ मॉड्यूल बनाया गया, जिसका काम स्पेसिफिक लोगों को टारगेट करना था. डाल्ला ने मॉड्यूल के गुर्गों को दो 9 एमएम, एक .30 बोर और एक .315 बोर पिस्तौल और चार मैगजीन डिलीवर कीं और उन्हें बिट्टू प्रेमी, शम्मा बदमाश और सिरसा स्थित डीएसएस अनुयायी शक्ति सिंह को निशाना बनाने का काम सौंपा.
उसने हरदीप सिंह निज्जर के साथ मिलकर जनवरी 2022 में 4 सदस्यों वाला केटीएफ मॉड्यूल स्थापित किया गया, जिसे ग्रेनेड हमलों को अंजाम देने का काम सौंपा गया. अर्श डल्ला और हरदीप निज्जर ने मोगा के एसएसपी हरमनबीर सिंह गिल और मोगा में क्राइम इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (CIA) विंग के दो इंस्पेक्टरों को निशाना बनाने की योजना बनाई थी.
अर्श डल्ला ने हरियाणा में ऑपरेट करने वाला 4-सदस्यीय केटीएफ मॉड्यूल बनाने के लिए नवंबर-दिसंबर 2021 में गुरजंत सिंह जैंटी और लखबीर सिंह रोडे के साथ काम किया. डल्ला के निर्देश पर जनवरी 2022 में उसके सहयोगी गुरप्रीत सिंह उर्फ गोपी ने सुखप्रीत सिंह उर्फ सुख ग्रीस को पंजाब से पाकिस्तान में घुसपैठ कराने के लिए चंडीगढ़ से रिसीव किया था. उसने राजस्थान के बाड़मेर में उसके ठिकाने की व्यवस्था करने की भी कोशिश की.
आईएसआई समर्थित मॉड्यूल बनाने में अर्श डल्ला का था हाथ!
रिपोर्ट में कहा गया है कि जनवरी 2022 में 7-सदस्यीय केटीएफ मॉड्यूल की स्थापना करने का मकसद मोहाली बेस्ड आव्रजन सलाहकार प्रीतपाल सिंह बॉबी को टारगेट करना था. इसमें बताया गया कि अगस्त 2022 में गिरफ्तार किए गए पाक-आईएसआई समर्थित मॉड्यूल को बनाने में कथित तौर पर अर्श डल्ला शामिल था, यह मॉड्यूल स्वतंत्रता दिवस से पहले आतंकी हमलों की योजना बना रहा था.
अर्श डल्ला ने अगस्त 2022 में कथित तौर पर एनआरआई सुखजिंदर सिंह को हिंसा की धमकी देते हुए 25 लाख रुपये की उगाही करने की कोशिश की. सुखजिंदर सिंह ने जब बात मानने से इनकार कर दिया तो अज्ञात लोगों ने उन्हें डराने-धमकाने की कोशिश में 4 सितंबर, 2022 को उनके आवास पर गोलियां चलाईं. रिपोर्ट के मुताबिक, सितंबर 2022 में अर्श डल्ला ने अन्य लोगों के साथ मिलकर ड्रोन से गिराए गए हथियारों की खेप की मदद से 5 सदस्यीय केटीएफ मॉड्यूल का गठन किया था.
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