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JKLF Yasin Malik As Shooter In Srinagar Air Force Attack 1990 Case Eyewitness Identifies In CBI Court Hearing


JKLF Yasin Malik: जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) के प्रमुख यासीन मलिक (Yasin Malik) ने अपना ‘फेरन’ उठाकर हथियार निकाला और भारतीय वायुसेना कर्मियों के एक समूह पर गोलियां चला दीं. एक प्रत्यक्षदर्शी ने गुरुवार (18 जनवरी) को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) की विशेष अदालत के समक्ष यह गवाही दी और बताया कि 25 जनवरी 1990 को श्रीनगर में क्या हुआ था. 

इस हमले में वायु सेना के चार कर्मियों की मौत हो गयी थी, जबकि वायु सेना के पूर्व कर्मी राजवार उमेश्वर सिंह आतंकी हमले में बच गए थे. उन्होंने अदालत कक्ष में मलिक को मुख्य हमलावर बताया. मलिक दिल्ली की तिहाड़ जेल से वीडियो के जरिए अदालती कार्यवाही में शामिल हुआ, जहां वह 2019 से कैद है. 

अटैक में 4 कर्मि‍यों की मौत, 40 हुए थे घायल  

श्रीनगर के बाहरी इलाके रावलपुरा में 25 जनवरी, 1990 को हमले में स्क्वाड्रन लीडर रवि खन्ना सहित 4 लोगों की मौत हो गई जबकि 40 लोग घायल हो गए थे. भारतीय वायुसेना के कर्मचारी ड्यूटी के लिए पुराने श्रीनगर हवाई क्षेत्र में अपने वाहन का इंतजार कर रहे थे, तभी वे आतंकवादियों की गोलीबारी की चपेट में आ गए. 31 अगस्त, 1990 को मलिक और 5 अन्य के खिलाफ जम्मू में टाडा अदालत के सामने चार्जशीट दाखिल की गई थी. 

वायुसेना कर्मियों की हत्या में कई और आरोपी भी शाम‍िल 

वायुसेना कर्मियों की हत्या में शामिल यासीन मलिक के अलावा अन्य आरोपियों में जेकेएलएफ से जुड़े अली मोहम्मद मीर, मंजूर अहमद सोफी उर्फ मुस्तफा, जावेद अहमद मीर उर्फ ‘नलका’, शौकत अहमद बख्शी, जावेद अहमद जरगर और नानाजी शामिल हैं. 

सीबीआई की वरिष्ठ लोक अभियोजक मोनिका कोहली ने कहा, ”यह मामले में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम है. अभियोजन पक्ष के गवाह ने गोलीबारी के लिए मलिक की पहचान की है.” 

चश्मदीद गवाह से जिरह करने का दिया था प्रस्ताव  

मोनिका कोहली यासीन मलिक के खिलाफ 2 प्रमुख मामलों में मुख्य अभियोजक हैं. एक मामला 1989 में तत्कालीन केंद्रीय गृह मंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रुबैया सईद के अपहरण का है जबकि दूसरा भारतीय वायुसेना कर्मियों की हत्या का है. मलिक को चश्मदीद गवाह से जिरह करने का प्रस्ताव दिया गया था लेकिन उसने इनकार कर दिया और अदालत में प्रत्यक्ष रूप से पेश किए जाने के लिए जोर दे रहा है. 

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