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Jammu Kashmir Politicians Omar Abdullah Mehbooba Mufti Slam Centre Move To Reduce Tariff On American Apples ANN


Jammu kashmir Information: जम्मू कश्मीर में विभिन्न पार्टियों के नेताओं ने अमेरिका से आयातित सेब पर आयात शुल्क कम करने के फैसले पर केंद्र सरकार की आलोचना की है. साथ इस निर्णय पर विरोध जताया है. गौरतलब है कि इस साल जून में विश्व व्यापार संगठन में अमेरिका और भारत छह लंबित विवादों को समाप्त करने पर सहमत हुए थे, जिसमें चना, दाल, बादाम, अखरोट, सेब, बोरिक एसिड और डायग्नोस्टिक अभिकर्मकों सहित कुछ अमेरिकी उत्पादों पर टैरिफ कम करने का निर्णय शामिल है.

बता दें कि स्थानीय उद्योगों की रक्षा के लिए भारत सरकार ने कुछ स्टील और एल्यूमीनियम उत्पादों पर टैरिफ बढ़ाने के अमेरिकी उपाय के जवाब में 2019 में अमेरिकी सेब पर 20 प्रतिशत का अतिरिक्त शुल्क लगाया था.

‘जी20 देशों को खुश करने का फैसला’
केंद्र के इस कदम को लेकर नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के नेता उमर अब्दुल्ला ने सेब से संबंधित टैरिफ पर केंद्र के कदम की आलोचना की और कहा कि उसने जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था पर इसके प्रभाव के बारे में नहीं सोचा. 

उन्होंने कहा, “अमेरिका को खुश करने के लिए, वे न केवल जम्मू-कश्मीर में बल्कि हिमाचल और उत्तराखंड में भी स्थानीय उत्पादकों को ख़त्म करना चाहते हैं. मैं भारत सरकार से अपील करता हूं कि वह ऐसा कोई कदम न उठाए, जिससे यहां पहले से मौजूद गरीबी और बढ़ जाएं और हम एक और संकट में फंस जाएं. हमें आयातित सेब, बादाम या अखरोट नहीं चाहिए. ऐसा लगता है कि यह जी20 देशों को खुश करने का फैसला है.”

‘सेब की कोई कमी नहीं’
वहीं, पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने भी सेब पर अतिरिक्त शुल्क हटाने के कदम की आलोचना की. उन्होंने कहा कि सेब की कोई कमी नहीं है. हिमाचल और यहां (जम्मू-कश्मीर) बड़ी मात्रा में अच्छी गुणवत्ता वाले सेब होते हैं. वे (सरकार) अब भी सेब का आयात क्यों करना चाहते हैं? उन्होंने कहा कि सरकार का ‘मेक इन इंडिया’ एक मजाक था.
 
एमवाई तारिगामी ने की केंद्र की आलोचना
सीपीआई (एम) नेता एमवाई तारिगामी ने केंद्र की आलोचना करते हुए कहा, “अमेरिकी सेब पर लगने वाला आयात शुल्क…काफी कम कर दिया गया है और हमारे बाज़ार को सौंप दिया गया है…अब हमारे सेब उत्पादक कहां जाएंगे?”

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