DNA Technology Regulation Invoice: कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने डीएनए टेक्नोलॉजी विधेयक को वापस लेने के लिए केंद्र सरकार पर निशाना साधा. रमेश ने कहा, ”बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार पर्याप्त सुरक्षा उपाय नहीं चाहती थी, इसलिए इसे वापस ले लिया गया.”
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने मंगलवार (25 जुलाई) को ट्वीट कर लिखा, ”कल मोदी सरकार ने चुपचाप डीएनए टेक्नोलॉजी (उपयोग और अनुप्रयोग) विनियमन विधेयक, 2019 को वापस ले लिया. विधेयक को एस एंड टी स्थायी समिति ने विस्तार से जांच की थी, जिसने कई महत्वपूर्ण संशोधनों का सुझाव दिया था, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि विधेयक के प्रावधानों का दुरुपयोग न हो.” कांग्रेस नेता ने बताया कि स्थायी समिति के कुछ सदस्यों ने असमहमति के नोट भी प्रस्तुत किए थे. समिति की रिपोर्ट 3 फरवरी, 2021 को प्रस्तुत की गई थी.
मोदी सरकार नहीं चाहती थी सुरक्षा उपाय- जयराम रमेश
उन्होंने कहा, ”अब मोदी सरकार का कहना है कि विधेयक के अधिकांश प्रावधानों को पहले ही आपराधिक प्रक्रिया (पहचान) अधिनियम, 2022 का हिस्सा बना दिया गया है और इसलिए डीएनए विधेयक की आवश्यकता नहीं है.”
वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा, ”वास्तव में, असल कारण यह है कि मोदी सरकार स्थायी समिति द्वारा अनुशंसित विस्तृत सुरक्षा उपायों को नहीं चाहती थी और अपनी रिपोर्ट जल्द सौंपने के लिए दबाव डालने के बाद इसे अनदेखा करने का फैसला किया. उन्होंने कहा, डीएनए विधेयक को लेकर आलोचकों की आशंकाएं अब सही साबित हुई हैं.”
जुलाई 2019 में पेश हुआ था विधेयक
इसके पहले सोमवार को विज्ञान मंत्री जितेंद्र सिंह ने डीएनए विधेयक को वापस ले लिया था. डीएनए टेक्नोलॉजी विधेयक, जुलाई 2019 में लोकसभा में पेश किया गया था. इस विधेयक को जांच के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन पर एक संसदीय पैनल के पास भेजा गया था.
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