उड़ीसा के पुरी में आज से भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा शुरू हो रही है. इसका आयोजन हर साल आषाढ़ माह में शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को होता है.
आषाढ़ शुक्ल द्वितीया से दशमी तिथि तक भगवान जगन्नाथ आम जनों के बीच में रहते हैं.
इसी समय भगवान जगन्नाथ अपने बड़े भाई बलराम और बहन सुभद्रा के साथ रथ पर विराजकर गुंडीचा मंदिर की ओर प्रस्थान करते हैं.
जगन्नाथ रथ यात्रा का भव्य आयोजन 10 दिनों तक होता है.
मान्यता है कि रथ यात्रा के दर्शन करने से 1000 यज्ञों का पुण्य फल मिलता है.
बलभद्र के रथ को ‘तालध्वज’, सुभद्रा के रथ को ‘दर्पदलन’ या ‘पद्म रथ’, भगवान जगन्नाथ के रथ को ‘नंदी घोष’ या ‘गरुड़ ध्वज’ के नाम से जाना जाता है.
हिन्दू धर्म में मान्यता है कि हर व्यक्ति को अपने जीवन में एकबार जगन्नाथ मंदिर के दर्शन जरूर करने चाहिए.
भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा को लेकर पूरे देश में तैयारी चल रही है. देश के अलग-अलग राज्यों में भी रथ यात्रा निकालने की तैयारी की जा रही है.
Published at : 07 Jul 2024 01:09 PM (IST)