Corruption Case: राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटे तेजस्वी यादव ने IRCTC घोटाला मामले में सीबीआई (CBI) के आरोपों को बेबुनियाद बताया. मंगलवार (25 मार्च) को रॉउज एवन्यू कोर्ट में इस मामले की सुनवाई हुई, जहां स्पेशल सीबीआई जज विशाल गोगने की अदालत में आरोप तय करने को लेकर दोनों पक्षों में बहस हुई. लालू परिवार के वकील ने दलील दी कि ये मुकदमा राजनीति से प्रेरित है और सीबीआई के पास कोई ठोस सबूत नहीं है.
सीबीआई ने अदालत में दावा किया कि उनके पास ऐसे पर्याप्त प्रमाण हैं, जो दर्शाते हैं कि 2004-2014 के बीच रेल मंत्री रहते हुए लालू प्रसाद यादव ने इस घोटाले की साजिश रची थी. जांच एजेंसी ने अपने आरोपों को प्रमाणित करने के लिए कुछ अहम बिंदु अदालत में रखे:-
- रेलवे के पुरी और रांची स्थित BNR होटल्स को पहले IRCTC को सौंपा गया.
- पटना की सुजाता होटल्स प्राइवेट लिमिटेड को ठेका देने के लिए टेंडर प्रक्रिया में हेरफेर किया गया.
- अनुचित लाभ पहुंचाने के लिए शर्तों में फेरबदल किया गया और गड़बड़ी की गई.
लालू परिवार ने कोर्ट में रखी अपनी दलील
लालू प्रसाद यादव के वकील ने कोर्ट में कहा कि ये मामला पूरी तरह राजनीति से प्रेरित है और सीबीआई के पास उनके मुवक्किलों के खिलाफ कोई प्रत्यक्ष प्रमाण नहीं है. वकील ने जोर देकर कहा कि टेंडर प्रक्रिया में कोई अनियमितता नहीं हुई और कोई ऐसा सबूत नहीं है, जिससे ये साबित हो कि लालू यादव ने किसी को फायदा पहुंचाने के लिए अपने पद का गलत इस्तेमाल किया.
जांच अधिकारी को अदालत में पेश होने का आदेश
दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद स्पेशल जज विशाल गोगने ने जांच अधिकारी (IO) को बुधवार (26 मार्च) को अदालत में पेश होने का आदेश दिया है. अगली सुनवाई इसी तारीख को होगी जहां सीबीआई को अपने आरोपों के समर्थन में और ठोस सबूत पेश करने होंगे.

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