Israel-Palestine Battle: इजराइल के ऊपर हमले के लिए हमास को ईरान का सपोर्ट मिल रहा है. हमास के प्रवक्ता गाजी हमद ने खुद इसकी जानकारी दी है. ईरान से जो तस्वीरें आ रही हैं और उसके विदेश मंत्रालय की तरफ से जो बयान जारी किया गया है, वो भी इस बात की पुष्टि करता है कि कहीं न कहीं हमास को उसका ही सपोर्ट मिल रहा है. ईरान और इजराइल की दुश्मनी काफी पुरानी है, जिस वजह से हमास को सपोर्ट करने की बात पर यकीन भी किया जा सकता है.
ईरान के विदेश मंत्रालय ने हमास के हमले का समर्थन किया. मंत्रालय ने कहा कि फलस्तीनी लोग आत्मरक्षा में हमला कर रहे हैं. उसने मुस्लिम देशों से फलस्तीनी लोगों की मदद करने की अपील भी की. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नसीर केनानी के बयान को एक्स पर मंत्रालय के जरिए पोस्ट किया गया, जिसमें कहा गया कि इजराइल की गलत और उकसावे वाली नीतियों के खिलाफ मोर्चा खोला गया है. ऐसे में आइए जानते हैं कि इजराइल-फलस्तीन पर ईरानी मीडिया क्या लिख रहा है.
ईरानी मीडिया में क्या छप रहा है?
ईरान प्रेस ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नसीर केनानी ने अल-अक्सा स्टॉर्म अभियान में शामिल फलस्तीनियों को मुबारकबाद दी है. उन्होंने कहा कि शनिवार को हमास की कार्रवाई इस बात का सबूत है कि सीरिया, लेबनान और कब्जे वाले इलाकों में इजराइल के खिलाफ हो रहा आंदोलन जीता जा रहा है. ईरानी मीडिया में जान गंवाने वाले फलस्तीनियों को शहीद बताया गया है, जबकि इजराइल की जमकर आलोचना की गई है.
प्रेस टीवी ने उन तस्वीरों को प्रमुखता से जगह दी है, जिसमें लोगों को ईरान में हमास के हमले के बाद जश्न मनाते हुए देखा गया है. खबर में लिखा गया है कि राजधानी तेहरान के फलस्तीन स्क्वायर के अलावा देश के अलग-अलग हिस्सों में लोग सड़कों पर उतरकर जश्न मना रहे हैं. खबर में बताया गया है कि लोगों ने इजराइल और अमेरिका के खिलाफ नारेबाजी की, जबकि फलस्तीन के समर्थन में नारे लगाए गए.
मेहर न्यूज एजेंसी ने फलस्तीन-इजराइल के बीच चल रहे संघर्ष को प्रमुखता से कवर किया है. एक रिपोर्ट में हमास के राजनीतिक मामलों के प्रमुख इस्माइल हनीया के बयान को जगह दी गई है. हनीया का कहना है कि इस जंग में फलस्तीन बड़ी जीत हासिल करने वाला है. एक अन्य खबर में कहा गया है कि अल-अक्सा स्टॉर्म अभियान में 100 जायनिस्टों ने जान गंवाई है. एक खबर को ‘ईरान हमास के अभियान का समर्थन करता है’ के शीर्षक से छापा गया है.
तेहरान टाइम्स की एक खबर में इजराइल पर हुए हमले को 50 साल में हुए सबसे बड़े हमलों में से एक करार दिया गया है. काह्यान इंटरनेशनल ने इजराइल-फलस्तीन विवाद को पहले पन्ने पर जगह दी है. कहा गया है कि हमास ने जायनिस्टों पर हमला किया. नोरन्यूज ने इजराइल के आयरन डोम एंटी-मिसाइल सिस्टम पर सवाल उठाया है. उसने इसकी तुलना रेत के किले से की है.
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