International Day Of World Indigenous Peoples: हर साल 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस मनाया जाता है. आदिवासी आबादी के अधिकारों को बढ़ावा देने और उनके मुद्दों पर ध्यान खींचने के लिए यह दिन दुनियाभर में मनाया जाता है.
भारत में आदिवासी आबादी अनुसूचित जनजाति के तहत आती है. देश में शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में अनुसूचित जनजातियों की क्या स्थिति है, इसका अंदाजा दो दिन पहले लोकसभा में दिए गए सरकार के जवाब से लगता है.
अनुसूचित जनजातियों को लेकर लोकसभा में किए गए सवाल
लोकसभा में बीजेपी सांसद कनकमल कटारा की ओर से पूछा गया कि शैक्षिक रूप से पिछड़ी जनजातियों की साक्षरता और रोजगार दरों का ब्यौरा क्या है? एक और सवाल में पूछा गया कि सामाजिक और शैक्षिक रूप पिछड़ी जनजातियों के सशक्तिकरण के लिए चल रही परियोजनाओं का ब्यौरा क्या है?
अनुसूचित जातियों के संबंध में साक्षरता दर
बीजेपी सांसद के सवालों का जवाब जनजातीय कार्य राज्य मंत्री रेणुका सिंह सरूता ने सोमवार (7 अगस्त) को दिया. मंत्री की ओर से दिए जवाब में बताया गया कि 2011 की जनगणना के अनुसार अनुसूचित जनजातियों के संबंध में कुल पुरुष और महिला आबादी की साक्षरता दर क्रमश: 59%, 68.5% और 49.4% थी.
इसमें बताया गया कि सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय की ओर से आयोजित आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (PLFS) 2020-21 के अनुसार अनसूचित जनजातियों के बीच पुरुष और महिला साक्षरता दर क्रमश: 71.6%, 79.8% और 63.1% है.
अनुसूचित जनजातियों के संबंध में बेरोजगारी दर
जवाब में अनुसूचित जनजातियों के लिए बेरोजगारी दर ग्रामीण, शहरी और ग्रमीण+शहरी स्तर पर विभाजित करके बताई गई. इसमें कहा गया कि पीएलएफएस 2020-21 की रिपोर्ट के अनुसार अनुसूचित जनजातियों के लिए बेरोजगारी दर ग्रामीण क्षेत्र में पुरुषों के मामले में 3.2 फीसदी, महिलाओं की 1.0 फीसदी और व्यक्ति के मामले में 2.3 फीसदी है.
शहरी क्षेत्र में यह आंकड़ा पुरुषों को लेकर 7.7 फीसदी, महिलाओं को लेकर 6.3 फीसदी और व्यक्ति के मामले में 7.3 फीसदी है. वहीं, ग्रामीण+शहरी स्तर पर 3.7 फीसदी पुरुष 1.3 फीसदी महिलाएं बेरोजगार हैं. वहीं, व्यक्तियों के मामले में यह संख्या 2.7 फीसदी है.
अनुसूचित जनजातियों के उत्थान के लिए चलाए जा रहे कार्यक्रम
जवाब में अनुसूचित जनजातियों के सामाजिक-आर्थिक उत्थान के उद्देश्य चलाई जा रहीं कुछ विकास कार्य योजनाओं और कार्यक्रमों का भी जिक्र किया गया है, जो इस प्रकार हैं- महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम, प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण, समग्र शिक्षा, जल जीवन मिशन/राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल मिशन, आयुष्मान भारत – प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण, दीन दयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम, 10,000 एफपीओ का गठन और संवर्धन, पीएम-किसान, आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना आदि.
इस आदिवासी युवक का छाया रहा मामला
बता दें कि आंकड़ों के हिसाब से देश में सबसे ज्यादा एसटी आबादी मध्य प्रदेश में ही रहती है. पिछले दिनों अनुसूचित जनजाति के लोगों पर अत्याचार के मामलों को लेकर देश में काफी गुस्सा देखा गया. जिसमें मध्य प्रदेश का पेशाब कांड खासा चर्चा में रहा. एमपी के सीधी में एक आदिवासी युवक दशमत रावत पर पेशाब करने का वीडियो वायरल हुआ था. हालांकि, पीड़ित ने बताया था कि वीडियो तीन साल पुराना है. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मामला उठने पर दशमत रावत को अपने आवास पर बुलाकर उनके पैर धोए थे और शॉल ओढाकर उन्हें सम्मानित किया था. वहीं, आरोपी प्रवेश शुक्ला के खिलाफ कार्रवाई की गई थी.
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