Indian Army New Fitness Protocol: खराब जीवनशैली के कारण हो रही बीमीरियों और मोटापे के शिकार जवानों पर इंडियन आर्मी सख्ती करने जा रही है. इसके लिए सेना नई फिटनेस पॉलिसी लेकर आई है, जिसके तहत जवानों के मौजूदा टेस्ट के अलावा कुछ और फिटनेस टेस्ट भी किए जाएंगे. अगर कोई सैनिक मानकों पर खरा नहीं उतरता है तो उसे सुधार के लिए कुछ समय दिया जाएगा. फिर भी सुधार नहीं होता है तो छुट्टियों में कटौती जैसे कदम उठाए जा सकते हैं.
द इडिंयन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया कि हर सैनिक को अपना आर्मी फिजिकल फिटनेस असेसमेंट कार्ड (APAC) मेनटेन करना होगा. सभी कमानों को इस सिलसिले में पत्र भेज दिया गया है. पत्र में कहा गया कि नई पॉलिसी का मकसद परीक्षणों में समानता लाना, कोर्स और विदेशी पोस्टिंग के दौरान अधिकारियों का शारीरिक रूप से अनफिट होना और खराब जीवनशैली के कारण बीमारी होने जैसे मुद्दों को संबोधित करना है.
वर्तमान नियम क्या हैं?
वर्तमान समय में हर तीन महीने में जवानों का बैटल फिजिकल एफिसिएंसी टेस्ट (BPET) और फिजिकल प्रोफिसिएंसी टेस्ट (PPT) होता है. बीपीईटी में 5 किमी की दौड़, 60 मीटर की स्प्रिंट, रस्सी के बल पर ऊपर चढ़ना और तय समय में 9 मीटर के गड्ढे को क्रॉस करना शामिल है. वहीं, पीपीटी में 2.4 कमी की दौड़, 5 मीटर शटल, पुश-अप्स, चिन-अप्स, सिट-अप्स और 100 मीटर की स्प्रिंट शामिल है. इसके अलावा, जहां सुविधाएं उपलब्ध होती हैं वहां स्विमिंग टेस्ट भी होता है. इन टेस्ट की रिपोर्ट को हर साल एनुअल कॉन्फिडेंशियल रिपोर्ट (ACR) में मेनटेन किया जाता है. रिपोर्ट की जिम्मेदारी कमांडिंग ऑफिसर (CO) के पास होती है.
नया फिटनेस नियम क्या है?
नई पॉलिसी के तहत बीपीईटी और पीपीटी के अलावा जवानों के कुछ और टेस्ट भी किए जाएंगे. जांच के नतीजों के आधार पर आर्मी फिजिकल असेसमेंट कार्ड तैयार करना होगा और 24 घंटे के अंदर जांच के नतीजों को अपडेट करना जरूरी है. नए निर्देशों में कहा गया कि ब्रिगेडियर रैंक के अधिकारी, दो कर्नल और मेडिकल ऑफिसर की एक टीम होगी, जो हर तीन महीने में टेस्ट रिपोर्ट्स का आकलन करेगी. जवानों को कुछ और फिटनेस टेस्ट भी कराने होंगे. इनमें 10 किमी का स्पीड मार्च, हर 6 महीने में 32 किमी का रूट मार्च और 50 मीटर का स्विमिंग प्रोफिसिएंसी टेस्ट शामिल है.
टेस्ट में खरे नहीं उतरे तो होगी कार्रवाई
अगर कोई कर्मी तय मानकों पर खरा नहीं उतरता है और ओवरवेट पाया जाता है तो उसको सुधार का मौका दिया जाएगा. उसे लिखित में सुधार के लिए कुछ उपाय भी दिए जाएंगे. इन उपायों को फॉलो करने के लिए उन्हें 30 दिनों का समय मिलेगा. अगर 30 दिन में भी कर्मी में कोई सुधार नहीं पाया जाता है तो छुट्टियों में कटौती और टीडी कोर्स जैसे कदम उठाए जा सकते हैं. नए निर्देश सुधार नहीं करने वालों के खिलाफ आर्मी रेगुलेशन (AR) और आर्मी एक्ट (AA) के तहत कार्रवाई करने पर जोर देते हैं. ओवरवेट अधिकारियों को लिखित में दिशा-निर्देश दिए जाएंगे, जो 30 दिन में उन्हें वेट कम करने में मदद करेंगे और कर्मियों के APAC कार्ड को ACR से लिंक कर दिया जाएगा.
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