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India-US Trade deal: क्या अमेरिका से आएगी गुड न्यूज? ट्रंप के टैरिफ विवाद के बीच पीयूष गोयल जाएंगे US, ट्रेड डील पर बनेगी बात!

India-US Trade deal: क्या अमेरिका से आएगी गुड न्यूज? ट्रंप के टैरिफ विवाद के बीच पीयूष गोयल जाएंगे US, ट्रेड डील पर बनेगी बात!


भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंध लगातार मजबूत हो रहे हैं. वित्तीय वर्ष 2024-25 में अमेरिका लगातार चौथे वर्ष भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बना रहा. इस दौरान दोनों देशों के बीच कुल व्यापार 131.84 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचा. भारत के कुल निर्यात में अमेरिका की हिस्सेदारी लगभग 18 प्रतिशत रही, जो इस साझेदारी के महत्व को दर्शाती है.

फरवरी 2025 में दोनों देशों के नेताओं ने प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) पर तेजी से बातचीत करने का निर्देश दिया. अब तक पांच दौर की चर्चा हो चुकी है और लक्ष्य है कि अक्टूबर-नवंबर 2025 तक पहले चरण को अंतिम रूप दिया जाए. इस समझौते का मुख्य उद्देश्य 2030 तक भारत-अमेरिका व्यापार को दोगुना कर 500 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचाना है.

पीयूष गोयल की अमेरिका यात्रा

भारत के वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल 22 सितंबर 2025 को एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल के साथ अमेरिका का दौरा करेंगे. इस प्रतिनिधिमंडल में विशेष सचिव राजेश अग्रवाल और मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे. इस यात्रा का मुख्य मकसद अमेरिका के साथ एक पारस्परिक रूप से लाभकारी व्यापार समझौते की दिशा में बातचीत को तेज करना है. इससे पहले 16 सितंबर को भारत आए अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि कार्यालय के दल के साथ हुई बैठक में भी दोनों पक्षों ने समझौते को जल्द से जल्द अंतिम रूप देने पर सहमति जताई थी.

H-1B वीजा नियमों में बदलाव पर पड़ेगा असर?

हाल ही में अमेरिकी प्रशासन ने एच1बी वीजा आवेदन शुल्क को 1,00,000 अमेरिकी डॉलर कर दिया है. इस फैसले का सीधा असर भारतीय आईटी कंपनियों और पेशेवरों पर पड़ेगा. नैसकॉम ने कहा है कि इस फैसले से भारतीय प्रौद्योगिकी कंपनियों की ऑनशोर परियोजनाओं पर असर होगा और व्यावसायिक निरंतरता प्रभावित हो सकती है. नए आवेदकों को अधिक खर्च का सामना करना पड़ेगा जिससे अमेरिका में काम करने की संभावनाएं प्रभावित होंगी. संभावना है कि पीयूष गोयल इस मुद्दे को भी व्यापार वार्ता के दौरान उठाएंगे.

ट्रंप ने भारत पर लगाया है 50 फीसदी टैरिफ

अमेरिका ने हाल ही में भारतीय वस्तुओं पर 50 प्रतिशत का शुल्क लगाया है. इसके अलावा रूसी कच्चे तेल से जुड़े भारतीय उत्पादों पर 25 प्रतिशत टैरिफ और अतिरिक्त 25 प्रतिशत जुर्माना भी लगाया गया है. इन हालातों ने दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा दिया है, लेकिन दोनों पक्ष मानते हैं कि सकारात्मक बातचीत के जरिए इन विवादों को सुलझाना आवश्यक है ताकि व्यापारिक संतुलन कायम रखा जा सके.

भारत-अमेरिका का ज्वाइंट टारगेट?

भारत और अमेरिका ने आने वाले वर्षों के लिए कई लक्ष्य तय किए हैं. इनमें 2030 तक व्यापार को 500 अरब अमेरिकी डॉलर तक ले जाना, निर्यात और आयात पर लगे अतिरिक्त शुल्क को कम करना, तकनीकी, ऊर्जा और कृषि क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करना और वीज़ा नीतियों को सरल बनाकर पेशेवरों की आवाजाही को आसान बनाना शामिल है.

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