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India-Canada Tension Know How It Started Why Canada Prime Minister Justin Trudeau Supporting Khalistani


India-Canada Tension Causes: भारत के अलावा कनाडा दुनिया का एकमात्र ऐसा देश है जहां बड़ी संख्या में सिख समुदाय के लोग रहते हैं, जिनकी जड़ें भारत में हैं. सिख समुदाय के लोग वहां उद्योग से लेकर राजनीति तक में ऊंचे ओहदे पर हैं. इस नाते भारत कनाडा के बीच रिश्ते जहां मधुर होने चाहिए, वहीं दोनों देश अबतक के अपने सबसे तल्ख रिश्तों के दौर से गुजर रहे हैं.

इसकी वजह है कि भारत के खिलाफ साजिश रचने वाले खालिस्तानी आतंकवादी. इनके लिए कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने भारत से दुश्मनी मोल ली है. चलिए आपको पूरे विवाद के बारे में विस्तार से बताते हैं.

खालिस्तानी आतंकियों पर मेहरबानी 
खालिस्तानी आतंकियों के लिए सुरक्षित पनाहगार बन चुके कनाडा के पीएम ट्रूडो ने हाल ही में आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के लिए भारतीय खुफिया एजेंसी पर बेबुनियादी आरोप लगाए.

9-10 सितंबर को भारत में हुए जी20 शिखर सम्मेलन में शामिल होने के दो दिन बाद ट्रूडो ने अपने देश लौटते ही भारत के साथ ट्रेड मिशन पर बिना वजह के प्रतिबंध लगा दिया. जो दोनों देशों के बीच बिगड़ते रिश्तों में आग में घी डालने वाला था. 

खालिस्तानी आतंकी की हत्या पर कनाडा के पीएम ने क्या कहा
दोनों देशों के बीच रिश्तों में खटास में तब और ज्यादा बढ़ गई जब 18 सितंबर (सोमवार) को जस्टिन ट्रूडो ने अपने देश की संसद में कनाडा में रह रहे खालिस्तान आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के पीछे भारतीय खुफिया एजेंजियों के होने का दावा किया. उन्होंने कहा, ‘कनाडा के किसी नागरिक की हमारे देश की धरती पर हत्या में किसी भी विदेशी सरकार की संलिप्तता, हमारी संप्रभुता को चुनौती है. कनाडा की सरकार हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत सरकार की खुफिया एजेंसियों की संलिप्तता की सक्रियता से जांच कर रही है.’ इसके बाद कनाडा की सरकार ने भारत के टॉप डिप्लोमेट पवन राय को निष्कासित कर दिया.

भारत के भी तेवर सख़्त 

इधर भारत ने भी ट्रूडो के आरोपों के बाद मंगलवार (19 सितंबर) को तेवर सख्त कर लिए और निज्जर की हत्या के पीछे भारतीय एजेंसियों के हाथ होने के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया. एक बड़ा कदम उठाते हुए भारत ने भी कनाडा के टॉप डिप्लोमेट ओलिविया सिल्वेस्टर को निष्कासित कर दिया, साथ ही कनाडा के लिए वीजा सर्विस अस्थाई तौर पर बंद कर दी है. भारत ने कनाडा में रहने वाले अपने नागरिकों को भी सतर्क रहने की सलाह दी है. भारत की विपक्षी पार्टियों ने भी इस मुद्दे पर सरकार का साथ दिया. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि देश की संप्रभुता, अखंडता और सुरक्षा के मामले पर हम सरकार के साथ मजबूती से खड़े हैं.

दुनियाभर की नजर भारत-कनाडा रिश्तें पर टिकी हुई है. सूत्रों के मुताबिक, भारत सरकार ने कनाडा को वहां रह रहे 21 खालिस्तानी आतंकियों की लिस्ट सौंप कर कार्रवाई के लिए कहा है. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने भी कनाडा में रहने वाले खालिस्तानी आतंकियों की सूची जारी कर उसकी डिटेल मांगी है. दोनों मजबूत देशों के रिश्तों की इस तल्खी का असर व्यापारिक रिश्ते पर भी हो सकता है.

कैसा है भारत-कनाडा का व्यापारिक रिश्ता 

इंडिया टीवी की एक रिपोर्ट की माने तो भारत और कनाडा के बीच वित्त वर्ष 2023-24 में निर्यात करीब 911 मिलियन डॉलर का निर्यात और आयात 990 मिलियन डॉलर का था. भारत कनाडा से मूल रूप से दाल, कृषि के समान, लुग्दी, लकड़ी, पेपर और खनन उत्पाद आयात करता है, लेकिन भारत के पास इसके लिए दूसरे विकल्प भी खुले हैं.

जबकि कनाडा भारत से दवाइयां, हीरे, जवाहरात, बहुमूल्य रत्न, रेडीमेड कपड़े, कार्बनिक रसायन ,हल्का इंजीनियरिंग सामान, लोहा और मशीनरी सामानों का आयात करता है. यह पूरी दुनिया में उसे भारत में सबसे कम कीमत पर और अच्छी क्वालिटी के मिलते हैं. अगर भारत कनाडा के बीच जारी रिश्तों की तल्खी का असर व्यापार पर पड़ा तो कनाडा में महंगाई बढ़ सकती है. क्योंकि दुनिया के किसी भी दूसरे देश से इन सामानों का आयात कई गुना महंगा पड़ सकता है.

इसके अलावा कनाडा में करीब 3 लाख 20 हजार छात्र रहते हैं. वहां रहने वाली सिख समुदाय की बड़ी आबादी देश की जीडीपी में बड़ा योगदान देती है. दोनों देशों के बीच रिश्ते तल्ख रहने पर न केवल व्यापारिक बल्कि कनाडा को अपने देश के आंतरिक अस्थिरता के हालात से भी गुजरना पड़ सकता है.

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