India-Canada Battle: भारत और कनाडा में खालिस्तानी समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर विवाद शुक्रवार (6 अक्टूबर) को भी जारी रहा. इस बीच कनाडा ने भारत में काम कर रहे ज्यादातर डिप्लोमैट (राजनयिकों) को कुआलालम्पुर (मलेशिया की राजधानी) या सिंगापुर भेज दिया है.
कनाडा ने ये कदम ऐसे समय पर उठाया जब भारत लगातार दोनों देशों के बीच राजनयिकों की संतुलन की बात कह रहा है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने गुरुवार (5 अक्टूबर) को कहा था कि भारत में कनाडा के ज्यादा डिप्लोमैट है. ऐसे में सतुंलन बनाने की जरूरत है. ये लोग हमारे आंतरिक मामलों में भी दखल देते हैं. हम इसको लेकर कनाडा से चर्चा कर रहे हैं.
भारत सरकार ने कब तक का समय दिया है?
न्यूज एजेंसी पीटीआई ने सीटीवी न्यूज के सूत्रों के हवाले से बताया कि भारत सरकार ने ओटावा को कनाडाई राजनयिकों की उपस्थिति कम करने के लिए 10 अक्टूबर तक का समय दिया है. उसका कहना है कि नई दिल्ली में राजनयिकों की संख्या कनाडा में भारत के राजनयिकों की संख्या के समान होनी चाहिए.
पहले की कई रिपोर्ट में कहा गया कि इन राजनयिकों की संख्या 41 है लेकिन सीटीवी न्यूज के सूत्रों ने बताया कि राजनयिकों की संख्या समान करने के लिए कहा गया है. खबर में कहा गया है, ‘‘दिल्ली के बाहर भारत में काम कर रहे अधिकांश कनाडाई राजनयिकों को कुआलालम्पुर या सिंगापुर भेजा गया है.’’
कनाडा ने क्या कहा है?
कनाडा के राजनयिक और दूतावास संबंधों का प्रबंधन करने वाले विभाग ग्लोबल अफेयर्स कनाडा ने पहले कहा था कि ‘‘विभिन्न सोशल मीडिया मंचों पर कुछ राजनयिकों को धमकियां मिलने के बाद वह भारत में अपने कर्मचारियों की संख्या का आकलन कर रहा है.’’
विभाग ने कहा, ‘‘इसके परिणामस्वरूप और अत्यधिक सावधानी बरतते हुए, हमने भारत में अपने कर्मचारियों की संख्या को अस्थायी रूप से कम करने का फैसला किया है.’’
कनाडा और भारत में कैसे विवाद शुरू हुआ?
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने हाल ही में दावा किया था कि निज्जर के मर्डर में भारतीय एजेंट का हाथ हो सकता है. इसके बाद से दोनों देशों के बीच तनाव शुरू हो गया था.
भारत ने ट्रूडो आरोपों को बेतुका और राजनीति से प्रेरित कहकर खारिज कर दिया और इस मामले के लेकर ओटावा के एक भारतीय अधिकारी को कनाडा से निष्कासित करने के बदले में एक वरिष्ठ कनाडाई राजनयिक को अपने यहां से निष्कासित कर दिया था.
भारत क्या कह रहा है?
ऐसी जानकारी है कि भारत में कनाडाई राजनयिकों की संख्या लगभग 60 है. ऐसे में नई दिल्ली चाहती है कि ओटावा (कनाडा की राजधानी) इस संख्या में कम से कम 36 की कमी करे.
यह पूछे जाने पर कि क्या कनाडा ने निज्जर की हत्या से संबंधित कोई जानकारी या सबूत भारत के साथ साझा किया है, बागची ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर की हालिया टिप्पणियों का हवाला दिया था कि यदि कोई विशिष्ट या प्रासंगिक जानकारी हमारे साथ साझा की जाती है, तो वह उस पर विचार करने के लिए तैयार है.
इनपुट भाषा से भी.

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