PM Narendra Modi Speech from Lal Qila: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार (15 अगस्त 2024) को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन के दौरान एक तरफ जहां विकसित भारत पर खुलकर बात की, तो वहीं दूसरी तरफ उन्होंने इस दौरान कांग्रेस और पूर्व की उनकी सरकारों पर भी जमकर हमला बोला. पीएम मोदी ने कहा कि पहले लोग बदलाव चाहते थे, लेकिन हम राजनीति का गुणा भाग करके काम नहीं करते, हम नेशन फर्स्ट को ध्यान में रखकर काम करते हैं.
पीएम ने आगे कहा, “पहले लोग बदलाव चाहते थे लेकिन उनकी आकांक्षाओं पर ध्यान नहीं दिया गया. हमने जमीनी स्तर पर बड़े सुधार किए. सुधारों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता अस्थायी प्रशंसा या मजबूरियों के कारण नहीं है, बल्कि देश को मजबूत करने का संकल्प है. पहले लोग जो है उसी से गुजारा कर लो वाली मानसिकता से चलते थे, लेकिन हमने इसे बदल कर दिखाया है.
‘रिफॉर्म का हमारा मार्ग ग्रोथ का ब्लूप्रिंट है’
पीएम ने कहा कि हमने बड़े रिफॉर्म्स जमीन पर उतारे हैं. गरीब हो, मध्यम वर्ग हो, वंचित हो, हमारे नौजवानों के संकल्प और सपने हों या हमारी बढ़ती हुई शहरी आबादी हो, इन सभी के जीवन में बदलाव लाने के लिए हमने रिफॉर्म का मार्ग चुना. इसलिए मैं आज कह सकता हूं कि रिफॉर्म का हमारा मार्ग आज ग्रोथ का ब्लूप्रिंट बना हुआ है.
फिर से गिनाई सर्जिकल स्ट्राइक की उपलब्धि
पीएम मोदी ने आगे कहा, कभी आतंकी हमलों का शिकार रहा भारत अब साहसी और सशक्त बन गया है. सर्जिकल स्ट्राइक जैसी हमारी सशक्त कार्रवाइयां हमारे लोगों को गर्व से भर देती हैं. आज 140 करोड़ भारतीय आत्मविश्वास से भरे हुए हैं, जो देश भर में चल रही सुधारों की परंपरा से सशक्त हैं. मजबूत नेतृत्व, अटूट संकल्प और ‘जनभागीदारी’ के साथ हम अभूतपूर्व सफलता का मार्ग प्रशस्त कर रहे हैं.
हमने बैंकिंग में किए कई रिफॉर्म
दुर्भाग्य से हमारे देश में आजादी के बाद लोगों को एक प्रकार के माई-बाप कल्चर से गुजरना पड़ा- सरकार से मांगते रहो, सरकार के सामने हाथ फैलाते रहो, लेकिन हमने गवर्नेंस के इस मॉडल को बदला. आज सरकार खुद लाभार्थी के पास जाती है. आज सरकार खुद उसके घर तक गैस का चूल्हा, पानी, बिजली और आर्थिक मदद पहुंचाती है. आज सरकार खुद नौजवानों के स्किल डेवलपमेंट के लिए अनेक कदम उठा रही है. हमने बैंकिंग सेक्टर को मजबूत बनाने के लिए अनेक रिफॉर्म किए. आज उसके कारण हमारे बैंक विश्व के अग्रणी बैंकों में अपना स्थान बना चुके हैं. जब बैंक मजबूत होते हैं, तो फॉर्मल इकोनॉमी की ताकत भी बढ़ती है. आज हर वर्ग का शख्स अपने काम के लिए बैंक से लोन लेकर अपने सपनों को पूरा कर रहा है.
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