(*15*)
PM Modi Speech: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 15 अगस्त को लाल किले पर तिरंगा फहराकर आजादी के 77वें महोत्सव की शुरुआत की. इस मौके पर लाल किले की प्राचीर से देशवासियों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने भारत को आजाद दिलाने वाले स्वत्रंतता संग्राम के शहीदों और सेनानियों को नमन किया. पीएम मोदी ने अपने संबोधन में हिंसा की आग में झुलस रहे मणिपुर में शांति की अपील की. उन्होंने हजार साल की गुलामी का जिक्र करते हुए अगले 1000 साल का खाका खींचा. खास बात रही कि पीएम मोदी ने अपने पूरे संबोधन में देशवासियों की जगह, परिवारजनों का इस्तेमाल किया. आइए पीएम मोदी के संबोधन की बड़ी बातें जानते हैं.
संबोधन की बड़ी बातें
- पीएम मोदी ने संबोधन की शुरुआत करते हुए कहा, “दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र और अब जनसंख्या के मामले में भी अग्रणी देश. इतना बड़ा देश, मेरे परिवार के 140 करोड़ सदस्य आज आज़ादी का जश्न मना रहे हैं. मैं देश के कोटि-कोटि जनों को, दुनिया में भारत को प्यार करने वालों और सम्मान करने वालों और सम्मान करने वालों को इस महान पर्व की अनेक-अनेक शुभकामनाएं देता हूं.”
- स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि देते हुए पीएम मोदी ने कहा, मैं उन सभी वीरों को श्रद्धांजलि देता हूं जिन्होंने इस देश की आजादी के लिए अपना योगदान दिया.
- मणिपुर का जिक्र करते हुए पीएम ने कहा, पिछले कुछ सप्ताह से नॉर्थ ईस्ट विशेषकर मणिपुर में हिंसा का दौर चला, कई लोगों को अपना जीवन खोना पड़ा. मां-बेटियों के सम्मान के साथ खिलवाड़ हुआ, लेकिन लगातार कुछ दिनों से शांति की खबरें आ रही हैं. देश मणिपुर के लोगों के साथ है. मणिपुर के लोगों ने पिछले कुछ दिनों से शांति बनाए रखी है, उस शांति के पर्व को आगे बढ़ाएं. शांति से ही समाधान का रास्ता निकलेगा.
- पीएम ने कहा, हम सौभाग्यशाली हैं कि हम अमृतकाल में प्रवेश कर रहे हैं. इस कालखंड में हम जितना काम करेंगे, जो कदम उठाएंगे, जितना त्याग करेंगे, जो फैसले लेंगे, आने वाले एक हजार साल का देश का स्वर्णिम इतिहास उससे अंकुरित होने वाला है. इस कालखंड में होने वाली घटनाएं एक हजार तक प्रभाव पैदा करने वाली हैं.
- नए वर्ल्ड ऑर्डर की हुंकार भरते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, आज मां भारती जागृत हो चुकी है. विश्व भर में भारत के प्रति, एक नई आशा, नया विश्वास पैदा हुआ है. तीन ‘D’ का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, हमारे पास डेमोग्राफी, डेमोक्रेसी और डायवर्सिटी की त्रिवेणी है, जो भारत को बहुत आगे ले जाएगी.