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G20 Summit China Raised Objection To America Hosting G20 Summit In 2026


G20 Summit 2023: भारत के बाद ब्राजील और साउथ अफ्रीका को जी-20 की अध्यक्षता मिलने वाली है. अमेरिका ने कहा है कि इन दोनों देशों के बाद वे अध्यक्षता संभालेंगे. चीन (China) ने 2026 में अमेरिका (America) के जी-20 की मेजबानी करने के दावे पर आपत्ति जताई है.

एनडीटीवी के अनुसार, इस मामले से परिचित लोगों ने कहा कि चीन की आपत्ति को रूस का भी समर्थन है. हालांकि, इसकी संभावना नहीं है कि निर्णय पलट दिया जाएगा. चीन के इस कदम की रिपोर्ट सबसे पहले फाइनेंशियल टाइम्स ने की थी. मामले से परिचित लोगों ने कहा कि वे चीन की आपत्तियों का कारण नहीं जानते, लेकिन बीजिंग ने अपनी नाराजगी दर्ज करने को कहा.

2025 के अंत तक सभी सदस्य एक बार कर लेंगे मेजबानी

जी-20 के सभी सदस्य 2025 के अंत तक कम से कम एक शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर लेंगे और उस बिंदु पर पहुंच जाएंगे जहां रोटेशन फिर से शुरू होगा. अमेरिका ने 2008 में वाशिंगटन में पहली जी-20 समिट की मेजबानी की थी. 

चीन और रूस के राष्ट्रपति नहीं आए भारत

भारत में आयोजित हो रहे जी-20 शिखर सम्मेलन में न तो चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और न ही रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन आए. जी-20 को क्षेत्रीय उप-समूहों में विभाजित किया गया है, जिनके सदस्य तय करते हैं कि शिखर सम्मेलन की मेजबानी कौन करेगा. अमेरिका कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और सऊदी अरब के साथ एक ग्रुप में है. 

अमेरिका ने क्या कहा?

शनिवार को नई दिल्ली में अमेरिका के डिप्टी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन फाइनर ने बताया कि भारत, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका, वर्तमान और अगले दो जी-20 के अध्यक्ष हैं. ये जी-20 की सफलता के लिए प्रतिबद्ध हैं और अमेरिका भी. हम इन तीनों के बाद मेजबानी करेंगे. अगर चीन नहीं आता तो हमारा मानना है कि ये चीन के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है. 

चीन के प्रधानमंत्री आए दिल्ली

बता दें कि, चीन के प्रधानमंत्री ली क्विंग जी-20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने आए हैं. उन्होंने शनिवार को जी-20 के सदस्य देशों के बीच एकजुटता की जरूरत पर जोर दिया और आर्थिक वैश्वीकरण के लिए सहयोग, समावेशन एवं दृढ़ समर्थन का आह्वान किया. 

शिखर सम्मेलन को किया संबोधित

चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) में दूसरे सबसे शक्तिशाली नेता की हैसियत रखने वाले क्विंग भारत की मेजबानी में आयोजित हो रहे वार्षिक जी20 शिखर सम्मेलन में राष्ट्रपति शी चिनफिंग के स्थान पर भाग लेने के लिए नई दिल्ली पहुंचे हैं. प्रधानमंत्री क्विंग ने कहा कि इस प्रभावशाली समूह को विभाजन की बजाय एकजुटता, टकराव की बजाय सहयोग और अलगाव के बजाय समावेशन की आवश्यकता है.

उन्होंने इस बात का जिक्र किया कि मानवता की नियति साझा है. उन्होंने सभी देशों से एक-दूसरे का सम्मान करने, मतभेदों को दूर करते हुए समान आधार बिंदु तलाशने और शांति से एक दूसरे साथ रहने का आग्रह किया. चीनी प्रधानमंत्री ने कहा कि बड़े संकटों और आम चुनौतियों से कोई भी अछूता नहीं रह सकता.

उनका कहना था कि एकजुटता और सहयोग दुनिया के लिए सही रास्ता है. उनके मुताबिक चीनी अर्थव्यवस्था कोविड-19 लॉकडाउन के बाद पटरी पर आने के लिए संघर्ष कर रही है. क्विंग ने कहा कि चीन लगातार सुधारों को तेज करेगा, खुलेपन का विस्तार करेगा, उच्च गुणवत्ता वाले विकास और आधुनिकीकरण को बढ़ावा देगा. 

(इनपुट पीटीआई से भी)

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