Hemant Soren Arrest: झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार (31 जनवरी, 2024) को कथित जमीन घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार कर लिया. इसके बाद से ईडी एक बार फिर चर्चा में है. पिछले कुछ सालों में एजेंसी ने हाई प्रोफाइल मामलों में गिरफ्तारी की है. साथ ही कई मुख्यमंत्रियों, नेताओं और व्यवसाइयों के साथ पूछताछ भी की.
ईडी ने हेमंत सोरेन को जिस तरह समन पर समन भेजे इसी तरह कई और नेताओं को भी समन जारी किए जा चुके हैं और पूछताछ भी हुई है. जेएमएम नेता के बाद ईडी की रडार पर कई और बड़े नेता हैं, जिनकी गिरफ्तारी से या फिर उनके ऊपर कार्रवाई से इनकार भी नहीं किया जा सकता. तो जानते हैं उनके बारे में.
अरविंद केजरीवाल
आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ईडी कई बार समन जारी कर चुकी है. उन पर दिल्ली शराब नीति मामले कथित घोटाले को लेकर पूछताछ की जानी है. उनकी पार्टी के मनीष सिसोदिया और संजय सिंह के अलावा सत्येंद्र जैन पहले से ही जेल में हैं. एजेंसी का आरोप है कि मामले में करीब 100 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है. हालांकि अरविंद केजरीवाल इससे इनकार करते आए हैं.
भूपिंदर सिंह हुड्डा
कांग्रेस के नेता और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा से भी ईडी मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ कर रही है. एजेंसी ने भूमि अधिग्रहण से जुड़े मामले में मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत उनके खिलाफ साल 2021 में मामला दर्ज किया था.
तेजस्वी यादव, राबड़ी देवी
आरेजडी अध्यक्ष और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव का परिवार भी ईडी की रडार पर है. जमीन के बदले नौकरी के मामले में पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और उनकी मां राबडी देवी के साथ साथ लालू यादव से हाल ही में ईडी ने पूछताछ की थी.
भूपेश बघेल
कांग्रेस नेता और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर भी ईडी की जांच की तलवार लटकी हुई है. उन पर मुख्यमंत्री रहने के दौरान कोयला परिवहन, शराब की दुकानों का संचालन और महादेव गेमिंग ऐप में अनियमितताओं से जुड़े कथित मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में ईडी की जांच चल रही है.
इनके अलावा, राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, कांग्रेस नेता सचिन पायलट, कांग्रेस नेता पी चिदंबरम, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती, गुजरात के पूर्व सीएम शंकर सिंह वाघेला, महाराष्ट्र में एनसीपी चीफ शरद पवार और उनके भजीते अजित पवार, जम्मू कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला और उनके बेटे उमर अब्दुल्ला के साथ-साथ पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती, मणिपुर के पूर्व सीएम ओकराम अबोबी सिंह और अरुणाचल प्रदेश के पूर्व सीएम नबाम तुकी अलग-अलग मामलों में ईडी की रडार पर हैं.
दक्षिण भारत में भी कई नेता निशाने पर
पिनाराई विजयन- केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के खिलाफ ईडी ने साल 2021 में जांच शुरू की थी. उनके ऊपर साल 1995 में बिजली मंत्री रहते हुए जलविद्युत परियोजनाओं के आधुनिकीकरण के अनुबंध में कथित भ्रष्टाचार का मामला चल रहा है.
वाईएस जगनमोहन रेड्डी- इसके अलावा, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगनमोहन रेड्डी यूपीए के कार्यकाल के दौरान से ही जांच का सामना कर रहे हैं. हालांकि ईडी ने साल 2015 में उनके खिलाफ पीएमएलए के नए मामले में केस दर्ज किया था. ये मामला उनके वित्तीय मामलों से जुड़ा हुआ है.
रेवंत रेड्डी- तेलंगाना के मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता रेवंत रेड्डी के खिलाफ भी ईडी की तलवार लटकी हुई है. ईडी ने साल 2015 में उनके खिलाफ एमएलसी चुनावों में अपने पक्ष में वोट करने के लिए नामांकित विधायक को कथित तौर पर 50 लाख रुपये की रिश्वत देने का मामला दर्ज किया था.
ये भी पढ़ें: जेल में कटेगी हेमंत सोरेन की रात, MLAs को हैदराबाद ले जाने वाली फ्लाइट रद्द, नई सरकार का संकट बरकरार