GST on Petrol and Diesel: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि केंद्र सरकार की मंशा हमेशा से पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने की रही है और अब राज्यों को एक साथ आकर इसकी दर तय करनी है.
उन्होंने कहा कि पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पेट्रोल और डीजल को जीएसटी कानून में शामिल करने का प्रावधान पहले ही कर दिया है. अब बस राज्यों को एक साथ आकर दर तय करने के लिए चर्चा करनी है.
‘राज्यों को तय करनी है दर’
सीतारमण ने कहा, ‘जीएसटी का इरादा पेट्रोल और डीजल को जीएसटी में लाना था. अब राज्यों को दर तय करनी है. मेरे पूर्ववर्ती (अरुण जेटली) की मंशा बहुत स्पष्ट थी, हम चाहते हैं कि पेट्रोल और डीजल जीएसटी में आएं.’
जीएसटी को जब एक जुलाई, 2017 को लागू किया गया था, उसमें एक दर्जन से अधिक केंद्रीय और राज्य शुल्कों को शामिल किया गया था. हालांकि, यह फैसला किया गया कि पांच वस्तुओं – कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, पेट्रोल, डीजल और विमान ईंधन (एटीएफ) पर जीएसटी कानून के तहत बाद में कर लगाया जाएगा.
केंद्र सरकार की थी मंशा
सीतारमण ने कहा कि जीएसटी लागू करते समय केंद्र सरकार की मंशा थी कि कुछ समय बाद पेट्रोल और डीजल को जीएसटी में लाया जाए. उन्होंने कहा, ‘इसे जीएसटी में लाने का प्रावधान पहले ही किया जा चुका है. अब सिर्फ यह फैसला करना है कि राज्य जीएसटी परिषद में सहमत हों और फिर तय करें कि वे किस दर के लिए तैयार होंगे.’ सीतारमण ने जीएसटी परिषद की 53वीं बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘एक बार यह निर्णय हो जाने के बाद इसे अधिनियम में शामिल कर दिया जाएगा.’
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