Farmers Protest Newest Information: खनौरी सीमा पर सुरक्षाकर्मियों और प्रदर्शनकारी किसानों के बीच झड़प में बुधवार (21 फरवरी) को बठिंडा के 24 वर्षीय किसान शुभकरण सिंह की मौत हो गई. इस झड़प में 12 पुलिसकर्मियों के भी घायल होने की सूचना है. इन सबके बीच युवा किसान की मौत के बाद विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार पर हमला किया. आप नेता और पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह ने पुलिस कार्रवाई को लोकतंत्र की हत्या बताया.
दूसरी तरफ शुभकरण सिंह की मौत के बाद बठिंडा जिले के बल्लोह गांव स्थित उसके घर में मातम पसरा हुआ है. उनकी दो बहनों का रो-रोकर बुरा हाल है. गांव वालों ने बताया कि शुभकरण सिंह पिछले किसान आंदोलन में भी शामिल हुए थे.
घर में अकेले कमाने वाले थे शुभकरण सिंह
शुभकरण सिंह का बल्लोह गांव रामपुरा फूल शहर से करीब 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. उनके दोस्त बताते हैं कि वह काफी मेहनती थे. शुभकरण सिंह अपने चाचा चरणजीत सिंह के साथ मिलकर 20 एकड़ जमीन ठेके पर लेकर खेती करते थे. शुभकरण स्कूल ड्रॉप आउट थे. माता-पिता के तलाक के बाद शुभकरण सिंह की परवरिश उनके दादा ने की थी. उनकी दो बहनें भी हैं. गांव वालों की मानें तो शुभकरण सिंह के पास मात्र दो एकड़ जमीन थी. खेती से अलग उन्होंने चार भैंस और पांच बछड़े भी पाल रहे थे. इनके पिता मानसिक बीमारी से पीड़ित हैं. ऐसे में घर की जिम्मेदारी इन्हीं के ऊपर थी. इनकी बड़ी बहन की शादी हो चुकी है. अब वह दूसरी छोटी बहन की शादी की तैयारी में थे.
13 फरवरी को पहुंचे थे खनौरी
शुभकरण सिंह के एक दोस्त ने बताया कि वह भारतीय किसान यूनियन सिद्धूपुर के कार्यकर्ता थे और अक्सर विरोध प्रदर्शनों और सभाओं में शामिल होते थे. उन्होंने 2021 के किसान आंदोलन में भी भाग लिया था. शुभकरण सिंह अपने गांव के उन 15 किसानों में शामिल थे जो दिल्ली चलो मार्च में शामिल होने गए थे. वह 13 फरवरी को खनौरी पहुंचे थे. वहां वह रसोई में काम करते थे.
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