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Farmers Protest Haryana farmer unions khaps to join agitation if talks fail between farmers and central government


Farmers Protest Newest Information: बेशक किसान नेताओं और तीन केंद्रीय मंत्रियों के बीच हुई चौथे दौर की बैठक के बाद किसानों ने दो दिन के लिए आंदोलन रोक दिया है, लेकिन आंदोलन खत्म नहीं हुआ है. किसान नेताओं ने साफ किया है कि वह सरकार की ओर से दिए गए आश्वासन पर दो दिन विचार करेंगे. इसके बाद आगे की रणनीति बताएंगे. अगर किसानों में इन पर सहमति नहीं बनती है तो वह 21 फरवरी को दिल्ली कूच करेंगे.

यहां सबसे बड़ी बात ये है कि किसान अगर आंदोलन आगे बढ़ाते हैं तो यह पहले से और बड़ा हो सकता है. दरअसल, भारतीय किसान यूनियन (चढ़ूनी) भी अब आंदोलन कर रहे किसानों के समर्थन में आ गया है. भारतीय किसान यूनियन (चढ़ूनी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने रविवार (18 फरवरी) को कहा था कि अगर सरकार के साथ किसानों की वार्ता विफल हो जाती है तो हरियाणा में किसान संघ और खाप पंचायतें अपनी मांगों के समर्थन में पंजाब के प्रदर्शनकारी किसान संगठनों के साथ एकजुट होकर लड़ाई लड़ेंगी. उन्होंने दिल्ली के किसानों के साथ चर्चा शुरू करने और उनका समर्थन लेने के लिए चार सदस्यीय समिति की भी घोषणा की.

जल्द तय होगी आगे की रणनीति

चढ़ूनी ने कई किसान संगठनों, खापों और टोल समितियों के प्रतिनिधियों (टोल प्लाजा पर विरोध प्रदर्शन करने के लिए पहले आंदोलन के दौरान किसानों की ओर से गठित) के प्रतिनिधियों के यहां ब्रह्म सरोवर में मुलाकात के बाद किसानों के आंदोलन से उत्पन्न स्थिति पर चर्चा करने के बाद यह घोषणा की. चढ़ूनी ने कहा कि किसानों के फैसले के आधार पर आंदोलन को आगे बढ़ाने की रणनीति बनाई जाएगी.

हरियाणा बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं हजारों किसान

एमएसपी समेत कई अन्य मांगों को लेकर दिल्ली मार्च करने से रोके जाने के बाद, पंजाब के हजारों प्रदर्शनकारी किसान वर्तमान में हरियाणा की सीमा पर डेरा डाले हुए हैं. बीकेयू (चारुनी), जिसे उत्तरी हरियाणा में किसानों के बीच काफी समर्थन प्राप्त है, संयुक्त किसान मोर्चा का एक घटक था, जिसने तीन कृषि कानूनों के खिलाफ 13 महीने लंबे किसान आंदोलन का नेतृत्व किया था. हालांकि समूह अब तक चल रहे आंदोलन से दूर रहा है.

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