Supreme Court Hearing On Electoral Bond Scheme: राजनीतिक दलों को मिलने वाले गुप्त चंदे यानी चुनावी बांड योजना की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर आज मंगलवार (31 अक्टूबर) को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हो गई. मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई, जेपी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ इन याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है.
अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी केंद्र सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए जबकि सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल, प्रशांत भूषण और विजय हंसारिया कोर्ट में मौजूद याचिकाकर्ताओं के लिए केस लड़ रहे हैं. मामले पर अपनी बात रखते हुए प्रशांत भूषण ने कहा कि ये बांड केवल रिश्वत हैं जो सरकारी निर्णय या नीतिगत निर्णयों को प्रभावित करते हैं.
प्रशांत भूषण ने कोर्ट में क्या दलील दी?
प्रशांत भूषण ने कहा, “केंद्रीय सत्तारूढ़ दल को कुल योगदान का 60 प्रतिशत से अधिक मिला है. अन्य महत्वहीन हो गए हैं. अगर किसी नागरिक को उम्मीदवारों, उनकी संपत्ति, देनदारियों, उनके आपराधिक इतिहास आदि के बारे में जानने का अधिकार है तो नागरिकों को ये भी जानने का अधिकार है कि इन राजनीतिक दलों को कौन फंड कर रहा है. पार्टियों को 10वीं अनुसूची के तहत भी अधिकार हैं.”
उन्होंने आगे कहा, “सरकार का कहना है कि ऐसा अधिकार उचित प्रतिबंधों के अधीन है लेकिन यहां प्रतिबंधों को पहले स्थान पर उचित होने की आवश्यकता है. चुनाव आयोग ने खुद कहा था कि इससे राजनीतिक दलों को चंदा देने के लिए फर्जी कंपनियों के इस्तेमाल की संभावनाएं खुलती हैं. राजनीतिक दलों के पास शेल कंपनियों के माध्यम से काला धन आ रहा है.”
प्रशांत भूषण ने कहा, “केवल एसबीआई और कानून प्रवर्तन एजेंसियों को ही फंडिंग के स्रोत के बारे में पता चलेगा और यह पूरी तरह से नागरिकों के अधिकार को खत्म करता है. भारत निर्वाचन आयोग ने इस योजना पर कड़ी आपत्ति जताई थी. ईसीआई ने कहा था कि इसका राजनीतिक फंडिंग के पारदर्शिता पहलू पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा. ईसीआई ने कहा कि जहां तक पारदर्शिता का सवाल है तो यह एक प्रतिगामी कदम है.”
उन्होंने आगे कहा, “ये बांड सत्ताधारी पार्टियों द्वारा रिश्वत के माध्यम से दिए जा रहे हैं और 50 प्रतिशत से अधिक केवल केंद्र में सत्ताधारी पार्टी को प्राप्त होते हैं. विपक्षी दलों को एक प्रतिशत से भी कम प्राप्त होता है. यह सत्तारूढ़ दल और विपक्ष के बीच समान अवसर का उल्लंघन करता है.”
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