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Election Commission reply to Mallikarjun Kharge over Bihar voter list amendment ann | खरगे के ‘कागज दिखाने’ वाले बयान पर चुनाव आयोग ने तोड़ी चुप्पी, बोला


बिहार मतदाता सूची संशोधन को लेकर हर दिन विपक्ष और चुनाव आयोग आमने-सामने नजर आ रहा है. विपक्ष जहां चुनाव आयोग और इस प्रक्रिया पर सवाल खड़े कर रहा है तो वहीं चुनाव आयोग लगातार यही कह रहा है कि पूरी प्रक्रिया संविधान, नियम और कानून के हिसाब से ही पूरी की जा रही है. रविवार (06 जुलाई, 2025) को भी एक ऐसा मौका सामने तब आया, जब कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि चुनाव आयोग के ऊपर दबाव कम आया, अब केवल फॉर्म भरना है, कागज दिखाने जरूरी नहीं है. 

इसके बाद चुनाव आयोग की तरफ से भी आधिकारिक तौर पर जानकारी आ गई कि इस तरह की बातें गुमराह करने वाली और भ्रामक हैं. चुनाव आयोग ने प्रक्रिया में कोई बदलाव नहीं किया है. चुनाव आयोग के सूत्रों का कहना है कि बिहार में एसआईआर का काम सुचारू रूप से किया जा रहा है. एसआईआर का संचालन 24 जून, 2025 के निर्देशों के अनुसार ही किया जा रहा है और निर्देशों में कोई बदलाव नहीं किया गया है. 

गलत बयानों से किया जा रहा गुमराह

24 जून, 2025 को जारी एसआईआर के आदेश के अनुसार, 1 अगस्त 2025 को जारी होने वाले ड्राफ्ट मतदाता सूची में उन लोगों के नाम शामिल होंगे, जिनके गणना फॉर्म 25 जुलाई 2025 से पहले प्राप्त हो जाएंगे. मतदाता 25 जुलाई 2025 से पहले कभी भी अपने दस्तावेज जमा कर सकते हैं. 

हालांकि चुनाव आयोग ने ये जरूर साफ किया कि दावे और आपत्ति अवधि के दौरान भी मतदाता अपने दस्तावेज जमा कर सकते हैं. कुछ लोगों की तरफ से दिए जा रहे बयानों से सावधान रहना चाहिए, जो 24 जून 2025 के एसआईआर आदेश को पढ़े बिना, अपने गलत और भ्रामक बयानों से जनता को भ्रमित करने का प्रयास कर रहे हैं.

बिहार में करोड़ों लोगों का वोटिंग अधिकार छीनने की कोशिश

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर किया, जिसमें उन्होंने कहा था, ‘भाजपा ने चुनाव आयोग के सहयोग से बिहार में करोड़ों लोगों का वोटिंग का अधिकार छीनने का जो मास्टर प्लॉन बनाया था, उसमें अब भाजपा खुद फंसती नजर आ रही है. पहले दिन से ही, कांग्रेस पार्टी Special Intensive Revision of Electoral Rolls (SIR) के खिलाफ आवाज उठा रही है.’

उन्होंने आगे कहा, ‘जो लोग चुनाव-दर-चुनाव वोट देते आ रहे हैं, उनसे वोटिंग के लिए कागज दिखाने के लिए क्यों कहा जा रहा है. गरीब, कमजोर, वंचित, दलित, पीड़ित, पिछड़े लोगों का जबरन मताधिकार छीनना ही BJP-RSS का षड्यंत्र है. करीब 8 करोड़ लोग इसको भुगतेंगे.’  

मतदाता को गुमराह कर रही भाजपा

खरगे ने आगे कहा, ‘वोटर लिस्ट दुरुस्त करने की जिम्मेदारी ECI की है, जनता की नहीं है. जब विपक्ष, जनता और Civil Society का दबाव बढ़ा, तब आनन-फानन में चुनाव आयोग ने ये विज्ञापन आज प्रकाशित किया है. जो ये कहते हैं कि अब केवल फॉर्म भरना है, कागज दिखाने जरूरत नहीं है, ये जनता को बरगलाने और भ्रमित करने की भाजपाई चाल का ही हिस्सा है. सच तो ये है कि भाजपा ने ये तय किया है कि वो लोकतंत्र को कूचलकर ही दम लेंगे.’

कांग्रेस अध्यक्ष ने आगे कहा, ‘जब जनता का विरोध होता है तो ये बड़ी चालाकी से एक कदम पीछे खींच लेते हैं. बिहार, लोकतंत्र की जन्मस्थली है, बिहार की जनता लोकतंत्र और संविधान पर इस भाजपाई हमले का जवाब आने वाले चुनाव में जरूर देगी. 

एसआईआर का प्रारंभिक चरण पूरा 

वहीं चुनाव आयोग ने यह साफ कर दिया है कि बिहार एसआईआर का प्रारंभिक चरण पूरा हो गया है. प्रपत्रों की छपाई और वितरण लगभग पूरा हो गया है, एसआईआर में कोई बदलाव नहीं किया गया है, जैसा कि कुछ लोगों की तरफ से अफवाह फैलाई जा रही थी. रविवार (6 जुलाई, 2025) शाम तक 1.69 करोड़ (21.46%) गणना प्रपत्र एकत्र किए गए और 7.25% ECINET पर अपलोड किए जा चुके हैं.

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