Delhi Election Results 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव में इस बार बीजेपी का 27 सालों का वनवास खत्म हुआ. बीजेपी ने 48 सीटों पर जीत दर्ज की है तो आम आदमी पार्टी (AAP) 22 सीटों पर सिमट गई है. दिल्ली चुनाव में AAP की हार के तमाम कारण गिनाए जा रहे हैं. हालांकि, अगर चुनाव आयोग की ओर से जारी किए गए वोट शेयर के आंकड़ों को देखें को AAP को सत्ता से बाहर करने में ‘ऑल आउट’ होने वाली कांग्रेस का हाथ साफ दिख जाता है. कहा जा सकता है कि आम आदमी पार्टी की हार में इस बार कांग्रेस ने बड़ी भूमिका निभाई है.
आंकड़ों के मुताबिक इस बार दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी का वोट प्रतिशत 45.56 पर्सेंट रहा. बीजेपी को 43,23,110 वोट मिले हैं. वहीं दूसरे नंबर पर रही आम आदमी पार्टी को कुल 4,133,898 वोट मिले हैं. AAP का वोट शेयर 43.57 फीसदी है. हैरानी की बात तो ये है कि लगातार तीसरी बार भी कांग्रेस अपना खाता नहीं खोल पाई. यहां तक कि कांग्रेस की 67 सीटों पर जमानत तक जब्त हो गई. इसके बावजूद कांग्रेस को 6,01,922 वोट मिले और वोट शेयर 6.34 प्रतिशत रहा.
AAP का वोट बैंक कांग्रेस में शिफ्ट !
वोट शेयर के आंकड़ों को देखें तो साफ हो जाता है कि कांग्रेस का बढ़ा वोट शेयर कहीं ना कहीं AAP का वोट बैंक ही है, जो इस बार कांग्रेस में शिफ्ट हुआ है. 2020 विधानसभा चुनाव में AAP ने 53.57 प्रतिशत वोट शेयर के साथ 62 सीटें जीती थीं. मतलब साफ है कि इस बार AAP का 10 प्रतिशत वोट शेयर कम हुआ है. कांग्रेस ने पिछले विधानसभा चुनाव के मुकाबले इस बार अपनी वोट हिस्सेदारी में 2 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी की है. इस बार पार्टी का वोट शेयर 6.34 फीसदी है, जो 2020 में 4.26 पर्सेंट था.
बीजेपी और आम आदमी पार्टी की जीत में महज 1.99 फीसदी वोट शेयर का ही अंतर है. वहीं, कांग्रेस के वोटों में हुआ दो फीसदी का इजाफा साफ दर्शाता है कि आम आदमी पार्टी को असदुद्दीन ओवैसी की AIMIM की पतंग और मायावती की BSP के हाथी से ज्यादा बड़ा झटका ‘हाथ’ ने दिया है.
मायावती की पार्टी से ज्यादा AIMIM को मिले वोट
मायावती की BSP को दिल्ली विधानसभा चुनाव में 55,066 वोट मिले हैं और पार्टी का वोट शेयर 0.58 फीसदी हैं. वहीं असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM को 73,032 वोट मिले हैं. ओवैसी की पार्टी का वोट शेयर 0.77 फीसदी है. कई पार्टियों से ज्यादा इस बार अकेले NOTA को वोट मिले हैं. NOTA को 53,738 वोट मिले हैं और वोट शेयर 0.57 प्रतिशत है. नोटा का वोट शेयर CPI, CPIM और NCP से कई गुना ज्यादा है.
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