Delhi Pollution: दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने शुक्रवार (3 नवंबर) को दिल्ली में वायु प्रदूषण से उत्पन्न स्थिति की समीक्षा के लिए एक बैठक की अध्यक्षता की. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दिल्ली से बाहर होने की वजह से इस बैठक में शामिल नहीं हो सके.
बैठक में मौजूद लोगों में दिल्ली सरकार के मंत्री गोपाल राय, मुख्य सचिव (वीडियो कॉन्फ्रेंस पर), अध्यक्ष (डीपीसीसी), सचिव (पर्यावरण) और सदस्य सचिव (डीपीसीसी) शामिल थे. उपराज्यपाल ने दोहराया कि दिल्ली में प्रदूषण के हालात काफी चिंताजनक है और उन्होंने लगातार बढ़ते एक्यूआई (AQI) स्तर पर भी गंभीर चिंता व्यक्त की.
बैठक में ये निर्णय लिए गए
- सरकार के सभी विभागों/एजेंसियों को अपने कार्यक्षेत्र से बढ़कर अपनी गतिविधियों में प्रदूषण में कमी लाने को प्राथमिकता देनी चाहिए.
- पर्यावरण विभाग लोगों के लिए दिशा-निर्देश जारी करेगा. बच्चों और बुजुर्गों को अतिरिक्त सतर्कता बरतने की सलाह दी जाएगी.
- लोगों से अपील की जाए कि वे जहां तक संभव हो घर के अंदर रहें. बेवजह यात्रा करने से बचें और यदि आवश्यक हो तो सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करें, जिससे सड़कों पर यातायात कम हो और कार्बन उत्सर्जन और धूल प्रदूषण भी कम हो.
- GRAP के संबंध में CAQM उपायों को जमीन पर सख्ती से लागू किया जाएगा, जिसका अनुपालन सभी संबंधित विभागों और अधिकारियों द्वारा सुनिश्चित किया जाएगा.
- यदि आवश्यक हो तो सभी मैकेनाइज्ड रोड स्वीपर, वॉटर स्प्रिंकलर और एंटी-स्मॉग गन (स्टेटिक, मोबाइल और ऊंची इमारतों पर) का अधिकतम उपयोग किया जाना चाहिए, यहां तक कि डबल शिफ्ट में भी.
- स्वास्थ्य विभाग यह सुनिश्चित करेगा कि अस्पतालों में सभी सुविधाएं शहर के किसी भी निवासी, जिसे इसकी जरूरत हो, के लिए हमेशा तैयार रहें.
पराली जलाने के 2684 मामले
उपराज्यपाल ने कहा कि पराली जलाए जाने की घटनाओं के लिए पड़ोसी राज्य जिम्मेदार है. जहां 1 नवंबर 2023 को पराली जलाने की कुल 2684 मामलों में से 1921 मामले पंजाब से सामने आए. पंजाब के अलावा हरियाणा में पराली जलाने के 99, उत्तर प्रदेश में 95 और राजस्थान में 60 मामले सामने आए.
उपराज्यपाल ने एक दीर्घकालिक स्थाई कार्य योजना बनाने की जरूरत दोहराई, जिसे मौजूदा आपातकाल समाप्त होने के बाद ईमानदारी से लागू किया जाए.
गोपाल राय ने की ये मांग
वहीं मीटिंग के बाद दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि बैठक के दौरान एलजी से निर्देश जारी करने का निवेदन किया है ताकि सीनियर अधिकारी पर्यावरण विभाग की मीटिंग ज्वॉइन करें और सक्रिय रहें. इसके अलावा डीपीसीसी के चेयरमैन की ओर से स्मॉग टॉवर और रियल टाइम सोर्स स्टडी सेंटर को बंद करने के मामले में कार्रवाई की मांग की है.
सभी अधिकारियों को निर्देश देने की मांग की गई है कि वह सरकार का बॉयकॉट ना करें, क्योंकि केंद्र सरकार की ओर कानून लाने के बाद सारे अधिकारी निष्क्रिय हो गए हैं. अगर अधिकारी ही निष्क्रिय रहेंगे तो इंप्लीमेंटेशन एक बड़ा चैलेंज होगा.
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