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Deadly Weapon car whap For Indian Army made by Mahindra Company And DRDO Know The Features


भारतीय सेना को जल्द ही स्वदेश एक ऐसी बख्तरबंद गाड़ी मिलने जा रही है, जो जमीन के साथ-साथ पानी पर भी चलती है.

भारतीय सेना को जल्द ही स्वदेश एक ऐसी बख्तरबंद गाड़ी मिलने जा रही है, जो जमीन के साथ-साथ पानी पर भी चलती है.

इस गाड़ी को महिंद्रा डिफेंस कंपनी ने डिफेंस रिसर्च डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (DRDO) के साथ मिलकर बनाई है. इस बात की जानकारी आनंद महिंद्रा ने  सोशल प्लेटफार्म एक्स दी और साथ ही इसके डिजाइन के बारे में भी बताया.

इस गाड़ी को महिंद्रा डिफेंस कंपनी ने डिफेंस रिसर्च डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (DRDO) के साथ मिलकर बनाई है. इस बात की जानकारी आनंद महिंद्रा ने सोशल प्लेटफार्म एक्स दी और साथ ही इसके डिजाइन के बारे में भी बताया.

आनंद महिंद्रा ने कहा कि इसे एक कॅाम्पैक्ट तरीके से डिजाइन किया गया है और इसमें 600 हॅार्स पावर का डीजल इंजन मौजूद है.

आनंद महिंद्रा ने कहा कि इसे एक कॅाम्पैक्ट तरीके से डिजाइन किया गया है और इसमें 600 हॅार्स पावर का डीजल इंजन मौजूद है.

आनंद महिंद्रा ने बताया यह गाड़ी सुरक्षा तकनीकों से लैस है. यह पहाड़ों जैसी ऊंचाई वाली जगहों पर आसानी से चल सकती है और हथियारों के साथ 11 लोग इसमें बैठ सकते हैं.

आनंद महिंद्रा ने बताया यह गाड़ी सुरक्षा तकनीकों से लैस है. यह पहाड़ों जैसी ऊंचाई वाली जगहों पर आसानी से चल सकती है और हथियारों के साथ 11 लोग इसमें बैठ सकते हैं.

यह एक ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन वाली बख्तरबंद गाड़ी है. सड़क पर यह 95 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से भाग सकती है. मैदानी इलाके में इसकी रेंज 500 किलोमीटर है.

यह एक ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन वाली बख्तरबंद गाड़ी है. सड़क पर यह 95 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से भाग सकती है. मैदानी इलाके में इसकी रेंज 500 किलोमीटर है.

आनंद महिंद्रा ने यह भी कहा कि इस गाड़ी में 7.62 किलोमीटर तक का रिमोट कंट्रोल वेपन स्टेशन लगा हुआ है, जिससे कि इसके अंदर बैठा इंसान बिना बाहर निकले अपने दुश्मन पर रिमोट की मदद से अटैक कर सकता है.

आनंद महिंद्रा ने यह भी कहा कि इस गाड़ी में 7.62 किलोमीटर तक का रिमोट कंट्रोल वेपन स्टेशन लगा हुआ है, जिससे कि इसके अंदर बैठा इंसान बिना बाहर निकले अपने दुश्मन पर रिमोट की मदद से अटैक कर सकता है.

यह गाड़ी अटैक के साथ बैक्टिरिया, वायरस, फंगी और बायोटोक्सिक जैसे बायोलॅाजिकल हमले से भी सैनिकों को बचा सकती है

यह गाड़ी अटैक के साथ बैक्टिरिया, वायरस, फंगी और बायोटोक्सिक जैसे बायोलॅाजिकल हमले से भी सैनिकों को बचा सकती है

गाड़ी के इस्तेमाल से सैनिकों को रेडिएशन और न्यूक्लियर हमले की गामा किरणों से बचाव मिलेगा. इसमें मौजूद सीबीआरएन किट दो कीमी दूर से ही हमले का पता लगा सकती है.

गाड़ी के इस्तेमाल से सैनिकों को रेडिएशन और न्यूक्लियर हमले की गामा किरणों से बचाव मिलेगा. इसमें मौजूद सीबीआरएन किट दो कीमी दूर से ही हमले का पता लगा सकती है.

इन सब के अलावा इसमें एडवांस लैंड नेविगेशन के साथ ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन लगा हुआ है. इस गाड़ी का अभी ट्रायल चल रहा है और इसे Whap (पहिएदार बख्तरबंद मंच) नाम से भी जाना जाता है.

इन सब के अलावा इसमें एडवांस लैंड नेविगेशन के साथ ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन लगा हुआ है. इस गाड़ी का अभी ट्रायल चल रहा है और इसे Whap (पहिएदार बख्तरबंद मंच) नाम से भी जाना जाता है.

Published at : 17 Aug 2024 07:00 PM (IST)

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