Assam Assembly Namaz Rule: असम विधानसभा ने शुक्रवार (30 अगस्त 2024) को महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए आधिकारिक तौर पर दो घंटे के जुम्मा ब्रेक को खत्म कर दिया. अब इस मामले पर देशभर में राजनीति शुरू हो गई है. कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने इसे बदले की कार्रवाई बताया. उन्होंने कहा, “बीजेपी के सीएम और मंत्री हिंदुओं के लिए कुछ नहीं कर पाए. अयोध्या में आधा मंदिर बनाकर रखा है. उसकी प्राण प्रतिष्ठा पर भी आपत्ति हुई थी. अब वह मुसलमानों को प्रताड़ित कर रहे हैं ताकि शायद हिंदू भावना जागे.”
‘साहिष्णु होता है भारत का हिंदू’
कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने कहा, “हम चाहते हैं कि हिंदुओं का भी भला करो और मुसलमानों के भी अधिकार की हिफाजत हो. पूरे हफ्ते में एक बार 2 घंटे के लिए नमाज पढ़ी जाती है. वो समय इसलिए दी जाती थी कि आदमी मस्जिद जाए और वहां से फिर लौटे. उसे खत्म करके बीजेपी किस हिंदू का भला कर रही है. बीजेपी भारत के हिंदू के बारे में गलत सोचती है… भारत का हिंदू साहिष्णु होता है… वो इस तरह इंतकाम की कार्रवाई से खुश नहीं होता.”
असम सरकार ने नमाज ब्रेक को किया खत्म
असम के मुख्यंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने एक्स पर पोस्ट कर यह जानकारी दी थी कि नमाज अदा करने के लिए दिए जाने वाले दो घंटे के ब्रेक को खत्म कर दिया गया है. यह नियम अगले सत्र से लागू किया जाएगा. विधानसभा की प्रक्रियाओं के नियमों में इस प्रावधान को हटाने का प्रस्ताव विधानसभा अध्यक्ष की अध्यक्षता वाली नियम समिति के समक्ष रखा गया, जिसने सर्वसम्मति से इस प्रथा को खत्म करने पर सहमति व्यक्त की.
लखनऊ: कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने असम विधानसभा में दो घंटे की जुमे की छुट्टी रद्द होने पर कहा “भाजपा के सीएम और मंत्री हिंदुओं के लिए कुछ नहीं कर पाए। अयोध्या में आधा मंदिर बनाकर रखा है। उसकी प्राण प्रतिष्ठा पर भी आपत्ति हुई थी। अब वह मुसलमानों को टोक पहुंचा रहे हैं ताकि… pic.twitter.com/Rre26Z0KDO
— IANS Hindi (@IANSKhabar) August 31, 2024
असम सरकार के इस निर्णय पर वहां की विपक्षी पार्टियों ने सवाल उठाया है. कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक वाजेद अली चौधरी ने सवाल किया कि आजादी से पहले से चली आ रही इस प्रथा को अचानक क्यों खत्म कर दिया गया.
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