Chandrayaan-3: भारत को चंद्रयान-3 के लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान के एक्टिव होने का इंतजार है. अगर ये दोनों एक्टिव हो जाते हैं तो ये उपब्धि हासिल करने वाला भारत दुनिया का पहला देश बन जाएगा. 14 जुलाई को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से रवाना हुए चंद्रयान-3 ने 23 अगस्त को चांद के साउथ पोल पर सफल लैंडिंग की थी. मामले पर इसरो के पूर्व अध्यक्ष जी माधवन नायर ने अपनी बात रखी है.
समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए जी उन्होंने कहा, “विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर लगभग दो सप्ताह से गहरी नींद में हैं. ये लगभग फ्रीजर से कुछ जांचने और फिर उसका उपयोग करने की कोशिश करने जैसा है. तापमान -150 डिग्री सेल्सियस के पार चला गया होगा. उस तापमान पर बैटरी, इलेक्ट्रॉनिक्स और तंत्र कैसे जीवित रहते हैं यह वास्तव में चिंता का विषय है.”
‘अगर ऐसा हुआ तो सिस्टम चालू हो सकता है’
इसरो के पूर्व अध्यक्ष ने आगे कहा, “बेशक, स्थापित करने के लिए जमीन पर पर्याप्त परीक्षण किए गए हैं कि ये ऐसी स्थिति के बाद भी काम करेगा. फिर भी, हमें अपनी फिंगर क्रॉस करके रखनी होंगी. सोलर टेम्प्रेचर उपकरणों और चार्जर बैटिरयों को भी गर्म कर देगा. अगर ये दोनों चीजें सफलतापूर्वक पूरी हो जाती हैं तो ये संभावना है कि सिस्टम फिर से चालू हो जाए. एक बार यह चालू हो जाए, तो यह बहुत संभव है कि हम अगले 14 दिनों में कुछ और दूरी तक घूम सकें और चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास चंद्रमा की सतह पर अधिक डेटा एकत्र कर सकें.”
#WATCH | Former ISRO Chairman G Madhavan Nair says, “Vikram Lander and Pragyan Rover have been in deep sleep for nearly two weeks now. It’s nearly like trying out one thing from the freezer after which attempting to make use of it. The temperatures would have gone past -150 levels… pic.twitter.com/XYvQembeHq
— ANI (@ANI) (*3*)September 22, 2023
के सिवन ने क्या कहा?
विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर पर इसरो के पूर्व अध्यक्ष के सिवन ने कहा, “हमें इंतजार करना होगा और देखना होगा. ये एक लूनर नाइट से गुजर चुका है. अब लूनर डे शुरू होता है तो अब वे जागने की कोशिश करेंगे. अगर सभी प्रणालियां काम कर रही हैं तो यह ठीक होगा. यह अंत नहीं है, अभी और भी नई साइंस आएगी. अब भी चंद्रयान-1 के डेटा से कई खोजें सामने आई हैं. इसलिए, मुझे उम्मीद है कि बहुत सी नई चीजें आएंगी. वैज्ञानिक प्रयास करते रहेंगे. तो, यह कहानी का अंत नहीं है.”
वहीं, इसरो के वैज्ञानिकों का मानना है कि अगर विक्रम और प्रज्ञान दोबारा जाग जाते हैं तो ये बोनस होगा. वैज्ञानिकों को इन्हें जगाने की कोशिशें गुरुवार से ही कर दी थीं. इसके बाद आज शुक्रवार को भी इनके रीबूट करने की कोशिश की जाएगी. इसरो प्रमुख सोमनाथ ने कहा था कि इनको जगाने की प्रकिया 21 और 22 सितंबर को की जाएगी.
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