Lok Sabha Elections 2024: केंद्र सरकार ने लोकसभा चुनाव 2024 से ठीक पहले पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न सम्मान देने का निर्णय लेकर ‘मास्टर स्ट्रोक’ लगाया है. चौधरी चरण सिंह किसानों के सर्वमान्य नेता रहे. इस फैसले का बड़ा फायदा कई राज्यों के जाट बहुल क्षेत्रों में बीजेपी को मिलने की उम्मीद जताई जा रही है.
इस सम्मान के ऐलान के बाद खासकर उत्तर प्रदेश की जाट राजनीति का पारा गरम हो गया है. कई सवाल भी उठने लगे हैं और कयास लगाए जा रहे हैं कि पूर्व पीएम चौधरी चरण सिंह को देश का सबसे बड़ा सम्मान देने से बीजेपी को वोटों का मान मिल सकेगा. क्या देश का जाट वोट बैंक बीजेपी की तरफ रुख करेगा? क्या पश्चिमी यूपी और हरियाणा में इसका फायदा बीजेपी को मिलेगा? इन सब सवालों के बीच सियासत तो गरम हो ही गयी है. वहीं, दूसरे राजनीतिक दलों में बैचेनी भी बढ़ गई है.
जयंत चौधरी की सोशल मीडिया पोस्ट से राजनीति गरम
दरअसल, भारत रत्न अवार्ड घोषणा से पहले राष्ट्रीय लोक दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के पोते जयंत चौधरी के समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन को लेकर कयास लगाए जा रहे थे. शुक्रवार (9 फरवरी) को केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद और सोशल मीडिया पर उनकी पोस्ट शेयर होने के बाद यह अटकलें लगाई जा रही हैं कि जयंत चौधरी एनडीए में शामिल हो सकते हैं. हालांकि, इसको लेकर अभी तक अटकलों का बाजार गरम है.
मोदी सरकार के इस फैसले का सबसे बड़ा पश्चिमी यूपी की सीटों पर सीधा पड़ेगा? यह सवाल राजनीतिक गलियारों में खूब जोर शोर से गूंज रहा है. साथ ही गन्ना किसान बीजेपी के तरफ आएंगे? यह सवाल भी खूब तेजी के साथ उठने लगा है.
यूपी की 27 लोकसभा सीटों पर जाट वोटरों का दबदबा
इन सभी सवालों के उठने के पीछे एक बड़ी वजह यह भी मानी जाती है कि पश्चिमी यूपी में जाट निर्णायक भूमिका में माने जाते हैं. यूपी की 27 लोकसभा सीटें ऐसी हैं जहां जाट वोट बैंक काफी मजबूत माना जाता है और हार जीत के निर्णायक रहता है. इनमें से अकेले 10-12 लोकसभा सीट तो ऐसी हैं जहां जाट वोटरों को सीधा प्रभाव है. वहीं, 11 जिलों में भी जाट वोटर निर्णायक भूमिका में हैं. इसके चलते यूपी विधानसभा की 50 सीटों पर जाटों का दबदबा है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जाटों की आबादी की बात की जाए तो यह करीब 17 फीसदी है.
दो चुनावों में बीजेपी ने जीतीं थीं इतनी सीटें
पिछले दो लोकसभा चुनाव की बात करें तो 2014 में बीजेपी ने इन 27 सीटों में से 24 पर 77% वोट के साथ कब्जा किया था जबकि 2019 में 19 सीटें 91% वोटों के साथ जीतीं थीं. साल 2017 के विधानसभा चुनावों में 109 सीटों पर जीत हासिल की थी और 39 फीसदी जाट वोट मिले थे.
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