Bengaluru Garbage Crisis : कर्नाटक की राजधानी में कूड़े को लेकर सियासत तेज हो गई है. जोरदार आरोप लगाए जा रहे हैं. यही नहीं कर्नाटक की डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने बड़ा दावा करते हुए विधायकों पर ब्लैकमेल करने के आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा है कि विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के विधायक कूड़ा संकट को लेकर सरकार को ब्लैकमेल कर रहे हैं. हालांकि, उन्होंने इसके लिए किसी विधायक का नाम नहीं लिया.
इस मुद्दे पर विधान पार्षद एम नागराजू का कहना है कि कूड़ा कचरा साफ करने वाली सुविधाओं की कमी के कारण, कई सफाई वाले वाहन सड़कों पर फंसे हुए हैं. इस कारण शहर के कई हिस्सों में कचरा साफ नहीं हो रहा है. एम नागराजू के इस बयान का जवाब देते हुए डिप्टी सीएम ने आरोप लगाया कि शहर में वेस्ट मैनेजमेंट को कंट्रोल करने वाला एक बड़ा माफिया है. गार्बेज डिस्पोजल ठेकेदार ने गिरोह बना रखा है और मानक दरों से 85 फीसदी ज्यादा कीमत लगाई है और सरकार की ओर से कोई कार्रवाई न करें, इसके लिए वे लोग पहले ही अदालत पहुंच गए हैं.
‘मैं नाम नहीं लेना चाहता’
डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने इस पूरे मुद्दे को लेकर विभिन्न पार्टियों के विधायकों पर ब्लैकमेल करने के आरोप लगाए और कहा, “मैं नाम नहीं लेना चाहता हूं, मैं तो बस सभी के सामने सच्चाई लेकर आ रहा हूं कि बेंगलुरु के विधायक सरकार को ब्लैकमेल कर रहे हैं क्योंकि वह सब चाहते हैं कि उनकी विकास निधि 800 करोड़ रुपए की जाए.”
कानूनी दांवपेच के कारण रुका सफाई का काम
कचरे की सफाई को लेकर डीके शिवकुमार का कहना है कि कानूनी दांवपेच के कारण शहर में सफाई का काम रुका हुआ है. कचरा साफ करने वाली गाड़ियां बीते 3 दिनों से महादेवपुर में फंसी हुई है, लेकिन कचरा सफाई का काम जल्द ही शुरू किया जाएगा. उन्होंने कहा कि सफाई के लिए व्यवस्था करनी होगी. इस पूरे मुद्दे को लेकर वह सोमवार को सदन में जवाब देंगे.
यह भी पढ़ें- दिल्ली में 36 डिग्री पहुंचा तापमान, इस साल का सबसे गर्म दिन हुआ रिकॉर्ड; आगे कैसा रहेगा मौसम?

Rajneesh Singh is a journalist at Asian News, specializing in entertainment, culture, international affairs, and financial technology. With a keen eye for the latest trends and developments, he delivers fresh, insightful perspectives to his audience. Rajneesh’s passion for storytelling and thorough reporting has established him as a trusted voice in the industry.