बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद हालात काफी बदल गए हैं. उपद्रवियों ने हिंसक प्रदर्शन करते हुए ढाका में कई जगहों पर आगजनी की. बांग्लादेश की स्थिति को देखते हुए विदेश मंत्रालय ने बांग्लादेश में रह रहे अपने नागरिकों को सख्त चेतावनी दी है कि वे बेहद सतर्क रहें और अपनी आवाजाही सीमित रखें. ऐसे में सवाल है कि क्या भारत बांग्लादेश से अपने नागरिकों को निकालेगा.
भारतीयों को निकालने को लेकर अभी कोई निर्णय नहीं
सूत्रों के अनुसार बांग्लादेश से भारतीयों को निकालने को लेकर अभी सरकार ने कोई निर्णय नहीं लिया है, क्योंकि वहां की सेना ने आश्वासन दिया है कि वह अपने देश में फैली अशांति पर काबू पाने में सक्षम हैं, इसलिए तत्काल ऐसा करने की कोई जरूरत नहीं है. हालांकि अगर चरमपंथी स्थिति को खराब करने की कोशिश करते हैं तो भारत अपने नागरिकों को बांग्लादेश से निकालने की योजना बना सकता है.
हिंदू परिवारों के लिए बांग्लादेशी सेना ने जारी किया नंबर
बांग्लादेश में हिंसक प्रदर्शन के बीच वहां की सेना हिंदू परिवारों या मंदिरों के लिए नंबर जारी किया, ताकि यदि पूरे बांग्लादेश में उन पर हमला हो रहा हो या किसी भी प्रकार का खतरा हो तो वे तुरंत कॉल करें.
भारत-बांग्लादेश बॉर्डर पर हाई अलर्ट
भारत बांग्लादेश के बदले हालात पर नजर बनाए हुए हैं. भारत जहां-जहां बांग्लादेश के साथ बॉर्डर शेयर करता है वहां सुरक्षाबलों को हाई अलर्ट किया गया है. बांग्लादेश की मौजूदा स्थिति को लेकर सोमवार शाम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सरकार के शीर्ष अधिकारियों की बैठक भी हुई.
बांग्लादेश में रविवार जब प्रदर्शनकारी सड़क पर उतर कर प्रदर्शन करने लगे तो देश में कर्फ्यू लगा दिया गया था. इसके बाद बांग्लादेश की सैन्य शाखा आईएसपीआर ने एबीपी न्यूज को बताया कि बांग्लादेश में मंगलवार (6 अगस्त 2024) को कर्फ्यू खत्म हो जाएगा, साथ ही स्कूल और व्यवसाय फिर से खुल जाएंगे.
बांग्लादेश के सेना प्रमुख जनरल वकर-उज-जमान ने अपने संबोधन में कहा कि देश में 48 घंटे के भीतर एक अंतरिम सरकार की स्थापना होगी. शेख हसीना के खिलाफ बांग्लादेश के छात्र पिछले महीने से ही आंदोलन कर रहे थे. यह आंदोलन काफ़ी हिंसक हो गया था, जिसमें अब तक क़रीब 300 लोगों की मौत हो चुकी है.
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