Assembly Election 2023 Live Replace: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधानसभा चुनाव से पहले सचिन पायलट के साथ संबंधों पर खुलकर बात की है. उन्होंने एक टीवी चैनल से बातचीत के दौरान कहा- “मुझे सचिन पायलट से स्नेह है और हम ‘भूलो और माफ करो’ के मॉडल पर एक साथ काम कर रहे हैं, ताकि कांग्रेस फिर से जीत हासिल कर सके.
गहलोत ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर केवल धर्म के नाम पर राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी का हिंदुत्व कार्ड यहां काम नहीं करेगा. उन्होंने हिंदुओं के लिए सबसे ज्यादा काम किया है और उनकी भावनाओं का ख्याल रखा है. उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस जीतती है तो पार्टी चुनाव के बाद फैसला करेगी कि अगला सीएम कौन होगा, लेकिन उन्होंने अपने लिए एक मजबूत दावा पेश किया.
‘लोगों के लिए जानना जरूरी कि किसे वोट देना है’
अशोक गहलोत ने कहा “लोगों को यह जानने की जरूरत है कि उन्हें किसे वोट देना है. मैं पार्टी के लिए जगह खत्म नहीं कर सकता. अगर मैंने काम किया है और लोग कहते हैं कि सीएम ने अच्छा काम किया है, तो मैं वह जगह क्यों खत्म करूंगा? मैंने पूरी सोच के साथ कहा है कि सीएम का पद मुझे नहीं छोड़ रहा है और भविष्य में भी नहीं छोड़ूंगा.”
‘इस बार बदल जाएगी सत्ता परिवर्तन की परंपरा’
राजस्थान में हमेशा पांच साल पर सत्ता बदलती रही है. ऐसे में कांग्रेस फिर से सत्ता में कैसे आएगी के सवाल पर गहलोत ने कहा, मुझे लगता है परंपरा बदल जाएगी. हमने कल्याणकारी योजनाओं और लोगों से जुड़े प्रोजेक्ट पर बहुत अच्छा काम किया है. लोगों का मानना है कि राज्य के इतिहास में ऐसा काम कभी नहीं हुआ. राजस्थान अब हर जगह चर्चा का विषय है, अन्य राज्यों में भी.
अभी सीएम फेस पर बोलने की जरूरत नहीं
कांग्रेस की तरफ से सीएम के चहरे के सवाल पर गहलोत ने कहा, अभी सीएम चेहरे पर बोलने की जरूरत नहीं है. हमारी पार्टी की खासियत है कि एक बार हाईकमान जिसके भी पक्ष में फैसला कर दे, उसे भविष्य में कोई चुनौती नहीं देता.
‘सचिन को हमेशा एक बच्चे की तरह देखा है’
सचिन पायलट के साथ रिश्तों पर सीएम ने कहा, सचिन के प्रति मेरा स्नेह है, मैंने पहले ही उन्हें केंद्रीय मंत्री बनाने की सिफारिश की थी, वह यह जानते हैं. मैंने पायलट को एक बच्चे के रूप में देखा है. हम साथ मिलकर काम कर रहे हैं. उनके पिता राजेश पायलट और मैं एक साथ संसद में दाखिल हुए थे. कुछ कारणों से हमारे बीच मतभेद थे, लेकिन ‘भूलो और माफ करो’ के साथ अब हम आगे बढ़ रहे हैं.
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