Assembly Election 2023 Live: राजस्थान में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए जैसे-जैसे मतदान की तारीख नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे यहां सियासी पारा भी गर्म होता जा रहा है. रोज यहां नए-नए समीकरण और राजनीतिक ड्रामा देखने को मिल रहा है. ऐसा ही एक नया सीन गुरुवार (19 अक्टूबर) को तब देखने को मिला, जब प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बीजेपी की वरिष्ठ नेता और दो बार सीएम रहीं वसुंधरा राजे के समर्थन में बोलते दिखे.
मीडिया से बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपनी प्रतिद्वंद्वी वसुंधरा राजे सिंधिया के समर्थन में बोलते हुए भाजपा पर कटाक्ष किया और कहा, “एक कमजोर क्षण में उनकी सरकार को गिराने से इनकार करने के लिए उन्हें अपनी पार्टी की ओर से परेशान नहीं किया जाना चाहिए.” बता दें कि गहलोत ने पहले भी इस मुद्दे पर वसुंधरा राजे के प्रति आभार व्यक्त किया था.
‘पार्टी की रणनीति से ऊपर हैं वसुंधरा राजे’
भाजपा में वसुंधरा राजे को कथित तौर पर दरकिनार किए जाने के बारे में पूछे जाने पर गहलोत ने कहा कि “यह बीजेपी का आंतरिक मामला है और वह इस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहेंगे. लेकिन मैं इतना जरूर कहना चाहूंगा कि मेरी वजह से उन्हें सजा नहीं मिलनी चाहिए. यह उनके साथ अन्याय होगा. भाजपा की पूर्व मुख्यमंत्री विपक्षी सरकारों को हटाने की अपनी पार्टी की रणनीति से ऊपर हैं.”
‘सरकार बचाने में राजे ने की थी मदद’
अशोक गहलोत ने कहा कि “इस साल मई में सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायकों के विद्रोह के दौरान जब उनकी सरकार पर खतरा था, तब वसुंधरा राजे और दो अन्य भाजपा नेताओं ने उनकी सरकार को बचाने में मदद की थी.” हालांकि गहलोत के इस दावे पर वसुंधरा राजे ने तीखी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि “अनुभवी नेता की टिप्पणी सद्भावना का नहीं बल्कि द्वेष का संकेत है.”
वसुंधरा राजे ने कहा, उनकी प्रशंसा सिर्फ द्वेष
वसुंधरा राजे ने आगे कहा, “2003 के बाद से अशोक गहलोत को कभी बहुमत नहीं मिला है. यही कारण है कि वह मुझे अपना सबसे बड़ा दुश्मन और अपने रास्ते का कांटा मानते हैं यही कारण है कि उनकी प्रशंसा में मेरे लिए कोई सद्भावना नहीं है, केवल द्वेष है.”
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