Assam AJRS Ponzi Scam: केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने असम के बहुचर्चित एजेआरएस पोंजी घोटाले के मास्टरमाइंड गोपाल पॉल के खिलाफ विशेष सीबीआई कोर्ट, गुवाहाटी में अंतिम चार्जशीट दाखिल कर दी है. यह चार्जशीट गिरफ्तारी के 90 दिनों के भीतर दाखिल की गई है. फिलहाल, गोपाल पॉल न्यायिक हिरासत में है.
सीबीआई ने यह केस 14 अक्टूबर 2024 को असम सरकार के अनुरोध पर दर्ज किया था. इससे पहले यह मामला गुवाहाटी के दिसपुर पुलिस स्टेशन में 12 अगस्त 2024 को दर्ज किया गया था. आरोप था कि M/s AJRS Marketing Pvt. Ltd. (जिसके निदेशक गोपाल पॉल थे) अवैध तरीके से ट्रेडिंग कर रही थी, जबकि इसके पास भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से कोई मंजूरी नहीं थी.
असम में कई फर्जी ट्रेडिंग ऐप और पोंजी योजनाओं (Ponzi Schemes) से जनता को धोखा देने की खबरें आई थीं. इन योजनाओं के जरिए लोगों को ऊंचे रिटर्न (मुनाफे) का लालच दिया जाता था, लेकिन बाद में करोड़ों रुपये का गबन कर लिया गया.
कैसे हुआ घोटाला?
सीबीआई की जांच में सामने आया कि गोपाल पॉल ने अपने साथियों बिश्वनाथ रॉय और मृदुल दत्ता के साथ मिलकर एक बड़ी साजिश रची. इन्होंने M/s AJRS Marketing Pvt. Ltd., M/s AJRS Management Securities (OPC) Pvt. Ltd. और GSPAUL Marketing LLP जैसी कंपनियां बनाई.
इन कंपनियों ने AyurvedLife और AJRSTrading जैसे ब्रांड नामों से बाजार में खुद को उतारा और दावा किया कि वे आयुर्वेदिक उत्पादों जैसे तेल, क्रीम और एलोवेरा आधारित सामान बेचती हैं लेकिन जांच में पता चला कि ये सब फर्जी था. इन कंपनियों का असली मकसद जनता से पैसे इकट्ठा कर धोखाधड़ी करना था.
लोगों को लुभाने के लिए www.ayurvedlife.org और www.ayurvedlife.in जैसी वेबसाइटें चलाई गईं. जांच में सामने आया कि गोपाल पॉल और उसके साथियों ने इस घोटाले के जरिए लगभग ₹5.14 करोड़ की ठगी की.
गोपाल पॉल की गिरफ्तारी और मुकदमा
जांच एजेंसी के मुताबिक, लोगों के पैसे ऐंठने के बाद गोपाल पॉल फरार हो गया था. उसे सीबीआई ने 12 नवंबर 2024 को पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी से गिरफ्तार किया था. इससे पहले बिश्वनाथ रॉय और मृदुल दत्ता के खिलाफ भी चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है, और वे ट्रायल फेस कर रहे हैं.
कौन-कौन से अपराध दर्ज हुए?
सीबीआई ने गोपाल पॉल और उसकी कंपनियों पर भारतीय दंड संहिता (IPC) और BUDS Act, 2019 के तहत गंभीर आरोप लगाए हैं-
धोखाधड़ी और साजिश: धारा 120B (अपराध की साजिश), 409 (आपराधिक विश्वासघात) और 420 (धोखाधड़ी)
बेनियमित जमा योजना प्रतिबंध अधिनियम (BUDS Act, 2019): धारा 25, 21(1), 21(2), 21(3) और 23
यह घोटाला असम में पोंजी स्कीम से जुड़े सबसे बड़े घोटालों में से एक माना जा रहा है. जांच जारी है और सीबीआई अन्य आरोपियों पर भी शिकंजा कस सकती है.
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