Apple Hacking Case: एपल की तरफ से हैकिंग को लेकर आए अलर्ट को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने केंद्र सरकार को घेरा. इन आरोपों को खारिज करते हुए केंद्रीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इसकी जांच होगी. वहीं इसके बाद एपल ने भी पूरे मामले में बयान जारी किया. बड़ी बातें-
1. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस सासंद शशि थरूर, शिवसेना (यूबीटी) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी, तृणमूल कांग्रेस की महुआ मोइत्रा, केटी रामा राव और आम आदमी पार्टी (AAP) नेता राघव चड्ढा सहित कई नेताओं ने मंगलवार (31 अक्टूबर) को सोशल मीडिया एक्स पर एपल की तरफ से आए अलर्ट के स्क्रीनशॉट शेयर किए. मोइत्रा ने कहा, ‘‘आधिकारिक तौर पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर अनुरोध कर रही हूं कि वह विपक्षी सांसदों के संरक्षण के लिए राजधर्म का पालन करें और हमारे फोन/ईमेल हैक होने के मामले में गृह मंत्रालय के अधिकारियों को जल्द से जल्द तलब करें.”
2. एपल के विपक्षी नेताओं के भेजे अलर्ट में लिखा गया है कि हमारा मानना है कि आपको सरकार-प्रायोजित सेंधमारों निशाना बना रहे हैं, जो आपकी एपल आईडी से जुड़े आईफोन से छेड़छाड़ करने की कोशिश कर रहे हैं. ये हमलावर संभवतः आप कौन हैं या आप क्या करते हैं, इसके कारण आपको व्यक्तिगत रूप से निशाना बना रहे हैं. यदि सरकार प्रायोजित हमलावर आपके उपकरण से छेड़छाड़ करते हैं तो वे आपके संवेदनशील डेटा, संचार, या यहां तक कि कैमरा और माइक्रोफ़ोन तक दूरस्थ रूप से पहुंचने में सक्षम हो सकते हैं. हालांकि यह संभव है कि यह एक गलत अलार्म हो, कृपया इस चेतावनी को गंभीरता से लें.
3. एपल के अलर्ट के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर जमकर हमला किया. उन्होंने कहा, ”पुराने समय में एक राजा था, जिसकी आत्मा एक तोते में बसती थी. उसी तरह पीएम नरेन्द्र मोदी आत्मा अडानी के अंदर बसती है. तोता कहीं बैठा है, राजा कहीं और बैठा हुआ है. हकीकत यह है कि सत्ता अडानी के हाथों में है.’ उन्होंने सरकार को चुनौती देते हुए कहा, ‘‘जितनी टैपिंग करनी है कर लो, हम डरने वाले नहीं हैं. हम लड़ने वाले लोग हैं, हम पीछे हटने वाले नहीं हैं.’’
4. राहुल गांधी ने कहा, ‘‘मेरे कार्यालय के लोगों और देश में विपक्ष के कई नेताओं को एपल का नोटिस आया है जिसमें लिखा है कि सरकारआपके फोन को हैक करने की कोशिश कर रही है.’’ उन्होंने दावा किया कि उनके कार्यालय के लोगों के साथ ही पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा, सोशल मीडिया विभाग की प्रमुख सुप्रिया श्रीनेत, छत्तीसगढ़ के उप मुख्यमंत्री टी एस सिंह देव,के आईफोन के साथ छेड़छाड़ करने के संदेश मिले हैं.
5. सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि नेताओं की जासूसी लोकतंत्र के लिए खतरा है. उन्होंने कहा, ‘‘बड़े दुख की बात है कि सुबह-सुबह यह (फोन हैक कराने की) जानकारी मिली. इस तरह का संदेश कंपनी के माध्यम से मोबाइल पर आया. संदेश में कहा गया है कि सरकारी एजेंसी या सरकार की तरफ से आपका (मोबाइल) फोन हैक किया जा रहा है या जासूसी की जा रही है. ’’
6. सरकार ने विपक्ष के आरोपों पर पलटवार कर कहा कि सारे आरोप निराधार है. केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, ‘’यह बहुत ही तकनीकी तरह की जांच होगी. इसके लिए तकनीकी जानकारी की आवश्यकता है. इसलिए, सर्ट-इन (भारतीय कंप्यूटर आपात प्रतिक्रिया दल) जांच करेगा, जिसका दुनिया के सभी प्रमुख विशेषज्ञों के साथ तालमेल है. आवश्यकता पड़ने पर अन्य सभी कानून प्रवर्तन एजेंसियों से मदद लेंगे.” उन्होंने आगे कहा कि हमारे देश में कई आदतन आलोचक हैं. उनका एकमात्र काम है जब भी जागें, जब भी मौका मिले, सरकार की आलोचना करना है.
7. बीजेपी ने विपक्षी दलों पर हमला किया पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर.प्रसाद ने कहा, ‘‘इस पर स्पष्टीकरण देना एपल का काम है. अगर उन्हें कोई समस्या है तो उन्हें एफआईआर दर्ज करानी चाहिए. उन्हें कौन रोक रहा है?’’
8. बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने विपक्षी नेताओं सहित कुछ लोगों के फोन को हैक करने के लिए पेगासस मैलवेयर के कथित उपयोग संबंधी विवाद का जिक्र किया और कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मामले की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट की नियुक्त समिति के समक्ष अपना आईफोन जमा करने से इनकार कर दिया था.
9. दो साल पहले ही इजराइली कंपनी पैगासस का नेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं और पत्रकारों के फोन में डिजीटल ताकाझांकी की बात उठी थी. ये मामला सु्प्रीम कोर्ट तक पंहुचा पर किसी निर्णायक स्तर तक नहीं गया. अब राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और तेलंगाना के चुनाव सर पर है तो फोन हैक करने का विवाद किस तरफ लेकर जाएगा, देखने वाली बात है.
10. एपल ने मंगलवार को कहा कि वह विपक्षी दलों के कुछ सांसदों को भेजे गए चेतावनी संदेश को किसी विशिष्ट सरकार-प्रायोजित सेंधमारों से नहीं जोड़ती और वह इस बारे में जानकारी नहीं दे सकती है कि ऐसी चेतावनियों का कारण क्या है. कंपनी ने कहा, ‘‘ऐसे हमलों का पता लगाना खतरे के खुफिया संकेतों पर निर्भर करता है जो अक्सर अपूर्ण और अधूरे होते हैं. यह संभव है कि एपल के खतरे संबंधी कुछ सूचनाएं गलत चेतावनी हो सकती हैं या कुछ हमलों का पता नहीं चल पाता. ’’
इनपुट भाषा से भी.
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