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Apple Hacking Alert Pandit Nehru Indira Gandhi Rajiv Gandhi Modi Govt Accused Of Hacking And Phone Tapping


Phone Tapping In India: एपल ने मंगलवार (31 अक्टूबर) को कई विपक्षी दलों के कई नेताओं को अलर्ट मैसेज भेजा. इसमें चेतावनी दी गई कि उनके आईफोन को शायद ‘स्टेट स्पॉन्सर्ड अटैकर्स’ के जरिए निशाना बनाया जा सकता है. मैसेज में कहा गया है कि एपल का मानना है कि आपकी एपल आईडी से जुड़े हुए आईफोन को स्टेट स्पॉन्सर्ड अटैकर्स के जरिए कंट्रोल में करने की कोशिश की जा रही है. 
  
इन नेताओं में केसी वेणुगोपाल, पवन खेड़ा, सीताराम येचुरी, प्रियंका चतुर्वेदी, टीएस सिंह देव, महुआ मोइत्रा, राघव चड्ढा के नाम शामिल हैं. मामला सामने आने के बाद सियासी भूचाल आ गया और विपक्ष सरकार पर हमलावर हो गया. हालांकि, केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने विपक्ष के दावों को खारिज कर दिया. वैसे यह पहला मौका नहीं है, जब भारत में विपक्ष ने फोन टैपिंग के आरोप लगाए हों. इससे पहले भी कई बार फोन टैपिंग के मामले सामने आ चुके हैं. 

2021 में मोदी सरकार पर लगा आरोप
साल 2021 में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बीजेपी पर स्पाईवेयर पेगासस के जरिए जासूसी करने का आरोप लगाया था. एमनेस्टी इंटरनेशनल और फॉरबिडेन स्टोरीज की एक रिपोर्ट के मुताबिक इजरायली कंपनी NSO के पेगासस सॉफ्टवेयर से भारत में कथित तौर पर 300 से ज्यादा हस्तियों के फोन हैक किए थे. इनमें राजनेताओं, पत्रकारों और कई पूर्व प्रोफेसरों के फोन शामिल थे.

2006 में अमर सिंह ने यूपीए सरकार पर लगाया आरोप
राज्यसभा सांसद अमर सिंह ने 2006 में यूपीए सरकार और सोनिया गांधी पर फोन टैपिंग का आरोप लगाया था. उन्होंने दावा किया था इंटेलीजेंस ब्यूरो (IB) उनका फोन टैप कर रही है.

2010 में भी यूपीए पर लगा फोन टैपिंग का आरोप
आउटलुक मैगजीन ने अप्रैल 2010 में दावा किया था कि तत्कालीन यूपीए सरकार ने देश के कुछ शीर्ष नेताओं के फोन टैप करवाए थे. इनमें तत्कालीन कृषि मंत्री शरद पवार, कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और सीपीएम के पूर्व महासचिव प्रकाश करात भी शामिल थे.

1991 में राजीव गांधी पर लगे आरोप
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक 1991 में केंद्रीय खुफिया ब्यूरो की एक रिपोर्ट से पता चला कि राजीव गांधी की सरकार ने भी कई लोगों के फोन टैप करवाए थे. रिपोर्ट के मुताबिक सरकार न सिर्फ आरिफ मोहम्मद खान और केसी पंत जैसे अपने कुछ मंत्रियों के फोन टैप कर रही थी. बल्कि कई विपक्षी नेताओं के भी फोन टैप किए गए थे.

वीपी सिंह पर लगा फोन टैपिंग का आरोप
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक 1990 में इलस्ट्रेटेड वीकली ऑफ इंडिया को दिए एक इंटरव्यू में चंद्र शेखर ने पूर्व प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह पर फोन टैप करवाने का आरोप लगाया था. उन्होंने कहा था कि सरकार उनके सहित 27 राजनेताओं के टेलीफोन गतल तरीके से टैप कर रही है.  

रामकृष्ण हेगड़े ने गंवाई कुर्सी
साल 1988 में कर्नाटक से फोन टैपिंग का मामला सामने आया. इसके चलते  कर्नाटक के मुख्यमंत्री और जनता पार्टी के नेता रामकृष्ण हेगड़े को अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी थी. 1983 और 1985 में चुनाव जीत चुके हेगड़े का कद काफी बड़ा हो गया था. ऐसे में गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री पद के बड़े चेहरे के रूप में उनका नाम सामने आ रहा था. बोफोर्स जांच मामले में घिरी राजीव गांधी सरकार ने हेगड़े पर फोन टैपिंग के आरोपों की जांच का आदेश दिया था.
 
इंदिरा गांधी पर भी लगा था आरोप
पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पर भी फोन टैपिंग का आरोप लगा था. गृह मंत्री ज्ञानी जैल सिंह ने आरोप लगाया था कि इंदिरा गांधी ने उनकी और जरनैल सिंह के बीच हुई बातचीत रिकॉर्ड करवाई थी. IB डायरेक्टर एमके धर ने अपनी किताब ‘ओपन सीक्रेट’ में इस बात का जिक्र भी किया है.

इंदिरा गांधी पर मेनका गांधी की जासूसी का आरोप
आईबी चीफ एमके धर ने माना कि मेनका गांधी और उनकी मां की जासूसी हुई थी. उन्होंने बताया कि मेनका गांधी की मां अमतेश्वर आनंद के जोर बाग स्थित उनके घर में फोन-टैपिंग डिवाइस इंस्टॉल किया गया था और मेनका गांधी के दोस्तों की भी कॉल रिकॉर्डिंग की गई थी.

नेहरू सरकार में भी लगे फोन टैपिंग के आरोप
नेहरू सरकार में संचार मंत्री रफी किदवई ने तत्कालीन देश के गृह मंत्री सरदार पटेल पर फोन टैपिंग के आरोप लगाए. इसके बाद नेहरू सरकार के एक और मंत्री टीटी कृष्णामाचारी ने भी 1962 में फोन टैप करने का आरोप लगाया था.

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