लोकसभा चुनाव से पहले रविवार को INDIA गठबंधन को बड़ा झटका लगा. बीजेपी के खिलाफ विपक्षी पार्टियों के गठबंधन बनने में अहम भूमिका निभाने वाले नीतीश कुमार ने INDIA गठबंधन से नाता तोड़ लिया है. उन्होंने बिहार के राज्यपाल से मिलकर सीएम पद से भी इस्तीफा दे दिया. अब नीतीश कुमार NDA में शामिल होकर 9वीं बार राज्य के सीएम पद की शपथ लेंगे.
पश्चिम बंगाल, पंजाब के बाद INDIA गठबंधन को बिहार में तीसरा झटका लगा है. पहले ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में टीएमसी के अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान किया. फिर पंजाब में सीएम भगवंत मान ने कांग्रेस को कड़े तेवर दिखाए. उन्होंने राज्य की सभी 13 सीटों पर आम आदमी पार्टी के अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान किया है.
नीतीश ने विपक्षी दलों को साथ लाने में निभाई थी अहम भूमिका
पश्चिम बंगाल, पंजाब के बाद बिहार में नीतीश कुमार का साथ छोड़ NDA में शामिल होना गठबंधन के लिए बड़ी वजह माना जा रहा है. नीतीश कुमार ने 2022 में बीजेपी से नाता तोड़ने के बाद विपक्षी दलों को एक साथ लाने की कोशिश की थी. नीतीश कुमार ने उस वक्त अलग अलग राज्यों में जाकर क्षेत्रीय दलों को साथ लाने में अहम भूमिका निभाई थी. इतना ही नहीं नीतीश कुमार ने पिछले साल जून में पटना में विपक्षी दलों की पहली बैठक भी बुलाई थी. इसके बाद ही 28 दल INDIA गठबंधन में शामिल हुए थे.
इन तीन राज्यों में 95 सीटें
बिहार में 40 सीटें: नीतीश कुमार ने लोकसभा चुनाव से पहले एक बार फिर एनडीए में शामिल होने का फैसला किया है. यानी 2019 की तरह वे एनडीए में शामिल होकर चुनाव लड़ेंगे. इसी तरह 2019 लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी, जदयू और एलजेपी एक साथ मिलकर चुनाव लड़ी थीं. तब एनडीए के खाते में इनमें से 39 सीटें (BJP-17, JDU-16, एलजेपी-6) गई थीं. तब कांग्रेस सिर्फ 1 सीट पर जीतने में सफल हुई थी, जबकि आरजेडी का खाता भी नहीं खुला था.
बंगाल में 42 लोकसभा सीटें: पश्चिम बंगाल में 42 सीटें हैं. ममता लगातार राज्य में बीजेपी के खिलाफ टीएमसी के अकेले मुकाबला करने की बात कर रही हैं. ममता ने हाल ही में कहा था कि वे इंडिया गठबंधन में शामिल हैं. लेकिन उनकी पार्टी बंगाल में बीजेपी का मुकाबला करने के लिए काफी है. हालांकि, कांग्रेस अभी भी ममता को मनाने की कोशिश में जुटी है. पिछले दिनों कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ममता बनर्जी से फोन पर गठबंधन को लेकर बात भी की थी.
पिछले लोकसभा चुनाव में बंगाल में टीएमसी को 22, बीजेपी को 18 और कांग्रेस को 2 सीटें मिली थीं.
पंजाब में 13 लोकसभा सीटें: पंजाब में सत्ताधारी AAP और कांग्रेस के बीच खटास खुलकर सामने आ गई है. दोनों पार्टियों के प्रदेश स्तरीय नेता लगातार गठबंधन का विरोध कर रहे हैं. हाल ही में भगवंत मान ने तो पंजाब की सभी 13 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया.
हरियाणा में भी फंसा पेच
इसी तरह हरियाणा में भी सीट शेयरिंग को लेकर पेच फंसता नजर आ रहा है, यहां कांग्रेस और आम आदमी पार्टी दोनों ही अकेले चुनाव लड़ने का दावा कर रही हैं. हालांकि, अंतिम फैसला आलाकमान पर छोड़ा गया है. हरियाणा में 10 लोकसभा सीटें हैं. 2019 में बीजेपी ने सभी सीटों पर जीत हासिल की थी.

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