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Adhir Ranjan Chowdhury attack Mamata Banerjee TMC on INDIA Alliance leader Changing Rahul gandhi


INDIA Alliance Row: इंडिया गठबंधन के नेतृत्व में बदलाव की चर्चाएं सियासी गलियारों में जोरों पर हैं. तृणमूल कांग्रेस चीफ ममता बनर्जी ने मौका मिलने पर इंडिया गठबंधन के नेतृत्व की मंशा जताई है. इसे लेकर कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने मंगलवार (10 दिसंबर, 2024) को टीएमसी को क्षेत्रीय पार्टी बताते हुए निशाना साधा. कांग्रेस नेता ने कहा कि ममता बनर्जी के इंडिया गठबंधन से जुड़े रहने के बाद भी उन्होंने गठबंधन के पक्ष में वोट डालने की अपील नहीं की थी. टीएमसी एक राष्ट्रीय पार्टी थी, जो एक क्षेत्रीय पार्टी बन गई है. सिर्फ बंगाल तक सीमित है.

अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि एक बात उन्हें बहुत चकित कर रही है और वो ये है कि जब से राहुल गांधी ने अडानी के खिलाफ अपने तेवर दिखाने शुरू किये हैं तब से लोग इंडिया गठबंधन का एक नया रुख देख पा रहे होंगे. वह बोले, “कोई क्या कहता है उसे कहने दीजिए. कोई कुछ भी कह सकता है.“

खरगे की अगुवाई में बना गठबंधन

अधीर रंजन चौधरी ने कहा, “इंडिया गठबंधन सबकी सहमति से बना था. कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की अगुवाई में गठबंधन बना था. बेकार में राहुल गांधी को खींचना और उन पर दोष या आरोप लगाना ठीक नहीं है. महाराष्ट्र में जो गठबंधन हुआ था, उसमें सब शामिल थे. शरद पवार, शिवसेना और कांग्रेस तीनों थे. अपने अपने इलाके में किसने क्या कामयाबी हासिल की सबको पता है. इसमें राहुल पर आरोप लगाना बेबुनियाद है. उस वक्त इंडिया गठबंधन से जुड़े रहने के बावजूद ममता बनर्जी ने इंडिया गठबंधन के पक्ष में वोट डालने के लिए अपील नहीं की थी.” 

क्या बोली कांग्रेस?

कांग्रेस नेता ने कहा, “तृणमूल कांग्रेस पार्टी एक राष्ट्रीय पार्टी थी और अब वो एक क्षेत्रीय पार्टी बन गई है, जो सिर्फ बंगाल तक सीमित है. बंगाल में कैसे चुनाव होते हैं, ये यहां विपक्ष को पता है. फूट डालना मतलब इंडिया गठबंधन को कमजोर करना. इंडिया के कमजोर होने से पीएम मोदी और बीजेपी को खुशी होगी.”

क्या है टीएमसी के दावे?

टीएमसी ने कई दावे कर दिए हैं और वो ये हैं कि इंडिया गठबंधन के तहत कांग्रेस सभी सहयोगी दलों को साथ लेकर चलने में सक्षम नहीं है. अन्य राज्यों के चुनाव में मिली हार के बाद भी कांग्रेस का इगो खत्म नहीं हुआ. वहीं टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी गठबंधन का नेतृत्व करने में पूरी तरह से सक्षम हैं. भाजपा के खिलाफ कांग्रेस का स्ट्राइक रेट 10 फीसदी रहा तो वहीं टीमसी का 70 फीसदी रहा. टीएमसी ने ये भी दावा किया है कि ममता बनर्जी के हाथ में कमान इसलिए भी सौंपी जाएं क्योंकि इंडिया गठबंधन नाम उन्होंने ही दिया था. 

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