ABP Cvoter Snap Poll: महिला आरक्षण बिल संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा से पारित (पास) हो चुका है. अब इसके कानून बनने की देर है. दरअसल, 128वां संविधान संशोधन विधेयक को महिला आरक्षण बिल कहा जा रहा है, जिसे सरकार ने ‘नारी शक्ति वंदन विधेयक’ के तौर पर प्रस्तुत किया है.
विशेषज्ञों के मुताबिक, महिला आरक्षण का कानून जनगणना और परिसीमन के बाद लागू हो सकेगा, संभावना जताई जा रही है कि यह 2029 के लोकसभा चुनाव तक लागू हो पाएगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मुद्दे पर कहा है कि लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 फीसदी रिजर्वेशन सुनिश्चित करने वाला 128वां संविधान संशोधन विधेयक संसद से इसलिए पास हो सका क्योंकि केंद्र में एक स्थिर और निर्णायक सरकार है, जिसके पास भारी बहुमत है.
पीएम मोदी ने एक कार्यक्रम में कहा है कि यह विधेयक कोई सामान्य कानून नहीं है, बल्कि नए भारत की नई लोकतांत्रिक प्रतिबद्धता का उद्घोष है.
वहीं, कांग्रेस ने संसद में महिला आरक्षण बिल का समर्थन किया लेकिन मांग की कि इसे तुरंत लागू किया जाना चाहिए. कांग्रेस ने यह भी मांग की कि इसमें अन्य पिछड़ वर्ग (OBC) की महिलाओं के लिए भी कोटा शामिल किया जाना चाहिए.
शनिवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इस बिल को लेकर बड़ा बयान दिया. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने कहा कि केंद्र में सत्ता में आने पर कांग्रेस इस विधेयक में संशोधन करेगी. कांग्रेस अध्यक्ष ने यह भी कहा कि बिल को लागू करने में फिलहाल कोई बड़ी कानूनी जटिलता नहीं है लेकिन मोदी सरकार अगले 10 साल की बात कर रही है.
महिला आरक्षण बिल से जुड़े सवालों के साथ एबीपी न्यूज के लिए सीवोटर ने ऑल इंडिया सर्वे किया है. सर्वे में 5,403 लोगों से राय ली गई. यह सर्वे शनिवार से आज दोपहर तक किया गया. सर्वे में मार्जिन ऑफ एरर प्लस माइनस 3 से प्लस माइनस 5 फीसदी है. सर्वे के नतीजे पूरी तरह से लोगों से की गई बातचीत और उनकी ओर से व्यक्त की गई राय पर आधारित हैं. इसके लिए abp न्यूज़ जिम्मेदार नहीं है.
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