Jammu Kashmir Tourism: जम्मू-कश्मीर सरकार ने सीमावर्ती क्षेत्रों के विकास के लिए कई महत्वाकांक्षी परियोजना शुरू की थी. इन परियोजाओं ने अब फल देना शुरू कर दिया है. यहां के सीमावर्ती गांवों में बड़ी संख्या में पर्यटक आ रहे हैं. इस बीच 76 मीटर ऊंचे मस्तूल पर गर्व से खड़ा भारतीय तिरंगा अब कुपवाड़ा के केरन गांव में ग्रामीणों और सीमा पर आने वाले हजारों पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया है. यह स्थानीय लोगों के साथ-साथ देश भर के लोगों के लिए नया पर्यटन स्थल बन गया है.
केरन में 2023 के पहले सात महीनों के दौरान पचास हजार से अधिक पर्यटक आए हैं. कुपवाड़ा की उपायुक्त आयुषी सूदन के मुताबिक किशनगंगा नदी के किनारे बसे केरन गांव में पर्यटक बड़ी तादाद में आ रहे हैं. यहां प्रतिदिन 1500-2000 पर्यटक आते हैं. इनमें स्थानीय और बाहरी दोनों शामिल हैं.
केरन गांव जा रहे हैं लोग
उपायुक्त ने कहा कि पिछले साल कश्मीर के सीमावर्ती इलाकों को खोल दिया गया था. उस समय केवल 12 हजार लोगों ने केरन गांव का दौरा किया था, लेकिन इस साल अब तक 50 हजार से ज्यादा लोग इस क्षेत्र का दौरा कर चुके हैं. बता दें कि केंद्र सरकार और रक्षा मंत्रालय ने सार्वजनिक-निजी भागीदारी के माध्यम से सीमावर्ती क्षेत्रों को विकसित करने के उद्देश्य से यहां कई महत्वाकांक्षी परियोजना शुरू की हैं.
अर्थव्यवस्था में उछाल आया
इसके अलावा उत्तरी कश्मीर में बांदीपुर, कुपवाड़ा और बारामूला के कई इलाकों को पर्यटन के लिए खोल दिया गया है, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था में उछाल आया है. इन क्षेत्रों में कई होटल, टेंट आवास और गेस्ट हाउस खुल गए हैं, जहां कुछ साल पहले तक केवल आतंकवादी या सुरक्षा बल ही आते थे.
बुनियादी ढांचे के विकास पर जोर
इस संबंध में पर्यटन निदेशक राजा याकूब का कहना है कि यूटी सरकार और जिला प्रशासन कुपवाड़ा के प्रयासों से अब देश भर से पर्यटक दूर-दराज के इलाकों का दौरा कर रहे हैं, इसलिए अब पर्यटन बुनियादी ढांचे के विकास पर जोर दिया गया है.
याकूब ने कहा, ‘ये पर्यावरण के साथ-साथ संवेदनशील क्षेत्र भी हैं. इसलिए हम स्थानीय लोगों को क्षेत्र में होम-स्टे और गेस्ट हाउस शुरू करने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं.’ दरअसल, पर्यटन के लिए क्षेत्र खोले जाने के बाद केरन क्षेत्र में तेजी देखी जा रही है. महज 16 हजार की स्थानीय आबादी वाले इस छोटे से क्षेत्र में अब 22 से अधिक छोटे गेस्ट हाउस और होम-स्टे और विजिटर्स के लिए कई टेंट वाले आवास हैं.
विकास में मदद कर रही सेना
केरन निवासी ऐजाज अहमद खान ने कहा कहा कि हम एक बदलाव और यह देख रहे हैं यह सब सेना की वजह से है. गोलीबारी में भी सेना ही मदद करती थी और अब विकास भी सेना की मदद से हो रहा है. उन्होंने कहा कि जहां पाकिस्तान ने पिछले एक दशक से अपने कब्जे वाले पीओके के इलाकों को पर्यटकों के लिए विकसित करना शुरू कर दिया था, वहीं लगातार घुसपैठ के कारण भारत को इसमें काफी समय लग गया.
सड़क कनेक्टिविटी पहला कदम
वहीं, 17 साल के मोहसिन अहमद लोन ने कहा कि केरन गांव के सामने का क्षेत्र पीओके का नीलम क्षेत्र है, लेकिन उनके पास बेहतर सड़कें और होटल हैं क्योंकि उन्होंने पिछले 7-8 वर्षों से इन्हें बनाना शुरू कर दिया है. सरकार को अब इस क्षेत्र को विकसित करना है, और इसके लिए सड़क कनेक्टिविटी पहला कदम है.
भारत का पहला पोस्ट ऑफिस
केरन में ना सिर्फ पाकिस्तान दिखता है पर देश के कुछ ऐसे छुपे ऐतिहासिक धरोहर भी मिलती है जिनके भारी में देश भर में लोग अभी भी बेखबर है. केरन में भारत का पहला पोस्ट ऑफिस आज भी सरहद के पास काम कर रहा है. 193224 पिन कोड वाला यह पोस्ट ऑफिस यहां पर पिछले एक सो साल से ज़ायदा समय से है. यह पोस्ट ऑफिस आज़ादी से पहले से ठीक इसी जगह पर काम कर रहा है जब यह नीलम डिस्ट्रिक्ट का हिस्सा था और आज़ादी के बाद इस पोस्ट ऑफिस को बारामुल्ला पोस्टल डिवीज़न के साथ रखा गया.
हैदराबाद से घूमने आया परिवार
अपने परिवार के साथ पहली बार केरन आए हैदराबाद निवासी राजू ने कहा कि केरन गांव के बारे में इतना कुछ सुनने के बाद उन्होंने आने का फैसला किया. उनकी 8 साल की बेटी जान्हवी के लिए यात्रा का सबसे अच्छा हिस्सा नदी के पार पाकिस्तानियों की ओर हाथ हिलाना था, और वहां के लोगों ने भी वापस उसकी ओर हाथ हिलाया. जान्हवी ने कहा, ‘मुझे अच्छा लगा जब मैंने पाकिस्तानियों को नमस्ते कहने के लिए हाथ हिलाया और उन्होंने जवाब में हाथ हिलाया.’
चार साल के संघर्ष पर विराम जारी
हालांकि, भारत और पाकिस्तान के बीच पिछले चार साल से संघर्ष विराम जारी है, लेकिन शांति का फायदा जमीनी स्तर पर कब तक होगा यह देखने वाली बात होगी. घुसपैठ और सीमा पार उल्लंघन हर दिन शांति की परीक्षा ले रहे हैं.
यह भी पढ़ें- आर्टिकल 370 पर सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अहम टिप्पणी, ‘भारत में विलय के साथ ही जम्मू-कश्मीर…’

Rajneesh Singh is a journalist at Asian News, specializing in entertainment, culture, international affairs, and financial technology. With a keen eye for the latest trends and developments, he delivers fresh, insightful perspectives to his audience. Rajneesh’s passion for storytelling and thorough reporting has established him as a trusted voice in the industry.