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बेटी को 20 साल जेल में रखा, भूखी-प्यासी मर गई शहजादी; मुगल बादशाह की क्रूर दास्तां!

बेटी को 20 साल जेल में रखा, भूखी-प्यासी मर गई शहजादी; मुगल बादशाह की क्रूर दास्तां!


मुगल सम्राट औरंगजेब के दस से भी अधिक बच्चे थे, लेकिन उनमें से सबसे प्रिय और बुद्धिमान मानी जाने वाली बेटी थी जेब उन निसा. अपनी बुद्धिमत्ता और साहित्यिक रुचियों के कारण जेब उन निसा अपने समय में विशेष पहचान रखती थीं. वह केवल एक शहज़ादी नहीं, बल्कि एक कवियित्री और सांस्कृतिक व्यक्तित्व भी थीं.

जेब उन निसा को अपने समय की बेहतरीन महिला गायिकाओं में गिना जाता था. वह अक्सर साहित्यिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेती थीं, जहां अपनी कविताओं और गीतों के माध्यम से लोगों को मंत्रमुग्ध कर देती थीं. उनकी कविताओं में समाज, संस्कृति और जीवन के विविध पहलुओं की झलक मिलती थी. उनके इस सृजनात्मक दृष्टिकोण को देखकर कई लोग उन्हें उनके समय की महान महिला कलाकार मानते थे.

हालांकि, उनके पिता औरंगजेब को यह बिल्कुल पसंद नहीं था कि उनकी बेटी सार्वजनिक रूप से कविता पढ़े और लोगों की महफिल में अपनी प्रतिभा दिखाए. औरंगजेब का कड़ा और रूढ़िवादी स्वभाव था और उन्होंने अपनी बेटी की स्वतंत्रता और साहित्यिक रुचियों को अनुचित माना.

जेब उन निसा की प्रेम कहानी रही मशहूर

इसके अलावा, जेब उन निसा की प्रेम कहानी भी काफी मशहूर रही. कहा जाता है कि वह महाराजा छत्रसाल के प्रति स्नेह रखती थीं. जब औरंगजेब को इस प्रेम संबंध का पता चला, तो वह बेहद नाराज हुए और उन्होंने अपनी बेटी को 20 साल की सजा सुनाई. इस अवधि के लिए जेब उन निसा को दिल्ली के सलीमगढ़ किले में कैद कर दिया गया.

साहित्य और कला के अलावा, जेब उन निसा ने अंग्या कुर्ती नामक महिला परिधान का भी आविष्कार किया. यह परिधान तुर्किस्तान में महिलाओं द्वारा पहना जाता था और आज भी इसकी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पहचान बनी हुई है.

जीवनभर अविवाहित रहीं जेब उन निसा

जीवनभर जेब उन निसा अविवाहित रहीं और उन्होंने कभी विवाह नहीं किया. उनका जीवन ज्ञान, कला और स्वतंत्रता के लिए समर्पित रहा. आज भी इतिहासकार और साहित्य प्रेमी उनकी प्रतिभा और साहस को याद करते हैं. 

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