भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला और उनकी टीम अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) पर 18 दिन बिताने के बाद धरती पर वापस लौट आई है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने कहा कि शुभांशु शुक्ला के लिए तत्काल कोई स्वास्थ्य संबंधी चिंता नहीं है.
एक्सिओम-4 मिशन के तहत उनकी ये यात्रा भारत के मिशन गगनयान के लिए काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है. भारत ने इस मिशन के लिए करीब 548 करोड़ रुपया खर्च किया. ऐसे में कई लोगों के मन में ये सवाल होगा कि ISS मिशन के लिए शुभांशु शुक्ला को कितनी सैलरी मिली?
शुभांशु इसरो के लिए किए 7 रिसर्च
ISRO की ओर से ये पैसा शुभांशु की ट्रेनिंग, यात्रा, स्पेस सूट, रिसर्च किट और अन्य जरूरी संसाधनों पर खर्च किए गए. इस मिशन के तहत शुभांशु को ISS भेजने के लिए सरकार की ओर से खर्च किया गया. उन्होंने इंटरनेशनल स्टेशन पर 7 रिसर्च इसरो के लिए किया और पूरी टीम के साथ मिलकर करीब 60 रिसर्च किए. शुभांशु ने इसरो के लिए जो प्रयोग किए वह भारत के मिशन गगनयान के लिए काफी अहम है.
शुभांशु शुक्ला को कितनी सैलरी मिली?
इस मिशन के लिए शुभांशु शुक्ला को एक भी रुपया नहीं मिला. ये मिशन उनके लिए अनुभव हासिल करने का जरिया था, जिसका फायदा ISRO का अगले मिशन में मिलेगा. उन्हें इसरो, नासा और Axiom में से किसी ने कोई सीधा भुगतान नहीं किया. यानी कि इस मिशन के लिए उन्हें कोई सैलरी नहीं दी गई. शुभांशु भारतीय वायु सेना के ग्रुप कैप्टन हैं. आमतौर पर इस रैंक पर सैलरी 30 से 46 लाख रुपये सालाना के बीच होती है, जिसमें बेसिक पे, ग्रेड पे, डीए (महंगाई भत्ता) और दूसरी सुविधाएं शामिल हैं.
नासा अपने अंतरिक्ष यात्रियों को सालाना 1.35 करोड़ रुपये की सैलरी देती है. शुभांशु को सैलरी तो नहीं मिली, लेकिन उनकी मेहनत और हिम्मत के कारण देश आने वाले समय में स्पेस के क्षेत्र में कई मुकाम हासिल करेगा. उन्हें 2019 में भारत के गगनयान मिशन के लिए चुना गया था और इसके तहत उन्होंने रूस और भारत में ट्रेनिंग ली.
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