Similar Intercourse Marriage Assessment Petition: समलैंगिक विवाह मामले में सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ के फैसले के खिलाफ बुधवार (1 नवंबर) को समीक्षा याचिका दायर की गई. शीर्ष अदालत ने 17 अक्टूबर को मामले पर फैसला सुनाया था.
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि वह समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता नहीं दे सकता है और ऐसे जोड़े बच्चे भी गोद नहीं ले सकते हैं. साथ ही कोर्ट ने कहा था कि सरकार चाहे तो समलैंगिक जोड़ों की चिंताओं का हल निकालने के लिए समिति बना सकती है.
पांच न्यायाधीशों वाली जिस संविधान पीठ ने मामले पर फैसला सुनाया था उसमें चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस हिमा कोहली, जस्टिस एम रविंद्र भट और जस्टिस पीएस नरसिम्हा शामिल थे.
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर अप्रैल से सुनवाई शुरू की थी. संविधान पीठ की ओर से दस दिन की सुनवाई के बाद 11 मई को फैसला सुरक्षित रख लिया गया था. इसके बाद 17 अक्टूबर को फैसला सुनाया गया.
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