Somnath Mosque Demolished Case: गुजरात के गिर-सोमनाथ में अतिक्रमण हटाने के अभियान के तहत मस्जिदों और दरगाहों सहित धार्मिक स्थलों को ध्वस्त कर दिया गया. ये मामला अब गुजरात हाई कोर्ट पहुंच गया है. जमीयत उलेमा-ए-हिंद (जेयूएच) की गुजरात इकाई ने सोमनाथ मंदिर के पास नौ मस्जिदों और दरगाहों के अवैध ध्वस्त होने के खिलाफ गुजरात हाई कोर्ट में याचिका दायर की है.
संगठन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर मंगलवार (01 अक्टूबर) को कहा, “यह कार्रवाई बिना नोटिस के की गई, जिसे मुसलमानों के अधिकारों का उल्लंघन माना जा रहा है. अगली सुनवाई तीन अक्टूबर, 2024 को होगी.” संगठन की गुजरात इकाई ने कहा, “बिना सूचना के यह कार्रवाई अवैध है. इन कार्यों को रोकने और न्याय के लिए सरकार से कानूनी हस्तक्षेप की मांग की है.”
‘102 एकड़ सरकारी जमीन को कराया मुक्त’
गिर-सोमनाथ के जिला कलेक्टर डीडी जडेजा ने बताया था कि सोमनाथ मंदिर के पास वेरावल के प्रभास पाटन कस्बे में शनिवार सुबह 5.30 बजे शुरू हुए अतिक्रमण हटाने के अभियान में 1,000 से अधिक पुलिस अधिकारियों ने 32 करोड़ रुपये की कीमत की 102 एकड़ सरकारी जमीन को अतिक्रमण से मुक्त कराया. अभियान के दौरान कम से कम 120 लोगों को हिरासत में लिया गया.
जमीयत उलेमा-ए-हिंद की गुजरात इकाई के पदाधिकारी ने मीडिया से क्या कुछ कहा? देखिए:
સોમનાથમાં 9 મસ્જિદો અને દરગાહોના તોડફોડના વિરોધમાં #JamiatUlamaEHind એ #GujaratHighCourt માં અરજી દાખલ કરી.
આ કાર્યવાહી ગેરકાયદેસર રીતે, નોટિસ વિના થઈ છે. સરકારના આ પગલાંને બંધ કરવા અને ન્યાય માટે કાનૂની હસ્તક્ષેપની માગ.
કેસની આગલી સુનાવણી 3 ઑક્ટોબરે.#Gujarat #Somnath #Justice… pic.twitter.com/dmQLAUa9pd
— Jamiat Ulama-i-Hind (@JamiatUlama_in) October 1, 2024
वहीं, एमसीसी-गुजरात ने राज्य के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल को चिट्ठी लिखकर मुस्लिम समुदाय के लिए न्याय की मांग की. समिति ने आरोप लगाया कि शनिवार को प्रभास पाटन में हाजी मांगरोल दरगाह, शाह सिलार दरगाह, गरीब शाह दरगाह और जाफर मुजफ्फर दरगाह सहित कई प्राचीन धार्मिक स्थलों को ध्वस्त कर दिया गया.
एमसीसी-गुजरात के संयोजक के लिखे गए पत्र में दावा किया गया है कि हाजी मंगरोल शाह दरगाह की मौजूदगी जूनागढ़ राज्य के राजस्व रिकॉर्ड में 18 फरवरी, 1924 से दर्ज है. उन्होंने पत्र में कहा, “हाई कोर्ट और वक्फ ट्रिब्यूनल में मामले लंबित होने के बावजूद, ध्वस्तीकरण किया गया, जो वास्तव में एक अन्यायपूर्ण कार्य है.”
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