<p style="text-align: justify;">केरल कैडर के रिटायर्ड 1980 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी अमिताभ कांत ने 45 साल की सरकारी सेवा के दौरान कई कार्यभार संभाले. उन्होंने अब G-20 शेरपा के पद से इस्तीफा दे दिया है.</p>
<p style="text-align: justify;">भारत के G-20 की प्रेसीडेंसी संभालने से कुछ महीने पहले अमिताभ कांत को जुलाई 2022 में भारत के G-20 शेरपा के रूप में नियुक्त किया गया था. लिंक्डइन पर माई न्यू जर्नी शीर्षक से एक पोस्ट कर अमिताभ कांत ने लिखा कि 45 साल की समर्पित सरकारी सेवा के बाद, मैंने नए अवसरों को अपनाने और जीवन में आगे बढ़ने का फैसला किया है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>’G-20 अध्यक्षता का नेतृत्व करना मेरे करियर में मील का पत्थर था'</strong></p>
<p style="text-align: justify;">अमिताभ कांत ने लिखा कि मैं G-20 शेरपा के रूप में मेरे इस्तीफे को स्वीकार करने और मुझे कई विकासात्मक पहलों को आगे बढ़ाने और भारत की वृद्धि में योगदान का अवसर देने के लिए भारत के प्रधानमंत्री का अविश्वसनीय रूप से आभारी हूं. उन्होंने आगे लिखा कि 2023 में भारत की G-20 अध्यक्षता का नेतृत्व करना मेरे करियर में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर था. </p>
<p style="text-align: justify;">उन्होंने लिखा कि जटिल वैश्विक चुनौतियों के बावजूद हमने नेताओं के घोषणा पत्र को लेकर सर्वसम्मति हासिल की और विकास के प्रमुख मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया. भारत की G-20 अध्यक्षता जन-केंद्रित और समावेशी थी, जिसकी बैठकें सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में आयोजित की गईं. हमने G-20 में अफ्रीकी संघ को शामिल करने में भी सफलता सुनिश्चित की, जिससे वैश्विक समानता और वैश्विक दक्षिण की आवाज के प्रति भारत की प्रतिबद्धता पूरी हुई.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>शेरपा किन्हें बनाया जाता है ?</strong><br />जी-20 में शेरपा का रोल बेहद अहम होता है. उन्हीं लोगों को शेरपा बनाया जाता है जिन्हें राजनीति और कूटनीति दोनों की अच्छी समझ होती है. बता दें कि अमिताभ कांत से पहले केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल भारत के शेरपा थे.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>कौन हैं अमिताभ कांत?</strong></p>
<p style="text-align: justify;">अमिताभ कांत केरल कैडर के सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी हैं. वो औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग के सचिव थे. अमिताभ कांत 6 साल तक नीति आयोग के सीईओ रहे चुके है. इसके अलावा वो कोविड-19 के दौरान एंपावर्ड ग्रुप-3 का भी हिस्सा रहे हैं.</p>
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