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<p type="text-align: justify;">मणिपुर हिंसा पर मोदी सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान संसद के मॉनसून सत्र में पक्ष और विपक्ष के बीच गरमा-गरम बहस चल रही है. अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की शुरुआत करते हुए असम से बीजेपी सांसद गौरव गोगोई ने पहले दिन मोदी सरकार पर जोरदार हमला बोला और कहा कि चुनाव से पहले उत्तराखंड से लेकर गुजरात और त्रिपुरा तक के मुख्यमंत्रियों के बीजेपी ने बदल दिया. लेकिन, मणिपुर में इतनी बड़ी हिंसा के बावजूद राज्य के मुख्यमंत्री एन. बिरेन सिंह के खिलाफ आखिर क्यों नहीं एक्शन लिया गया?</p>
<p type="text-align: justify;">हालांकि, काफी हद तक उनका ये सवाल वाजिब लगता है लेकिन इसका जवाब अगले दिन गृह मंत्री अमित शाह ने दिया. उन्होंने सीएम तब बदले जाते हैं जब वे सहयोग न करे. </p>
<p type="text-align: justify;">उन्होंने आगे कहा कि मणिपुर में हिंसा शांत भी हो रही है. अमित शाह ने इसका जवाब देते हुए कहा कि इस हिंसा में कुल 152 लोग मारे गए. जिनमें से मई के महीने में 107 मारे गए, जून में 30, जुलाई में 15, अगस्त में अब तक 4 लोग मारे गए. गृह मंत्री ने बताया कि मई में पहले तीन दिन में 68 लोग मारे गए. धीरे-धीरे हिंसा कम हो रही है. उन्होंने बताया कि कुकी समुदाय के लोग म्यांमार से मणिपुर आए. जवाब एक्शन में 14 हजार 898 लोगों को गिरफ्तार किए गए जबकि 1106 एफआईआर की गई है.</p>
<p type="text-align: justify;"><span type="shade: #e03e2d;"><sturdy>अविश्वास प्रस्ताव के दौरान क्या बोले राहुल?</sturdy></span></p>
<p type="text-align: justify;">जब अविश्वास प्रस्ताव पर दूसरे दिन चर्चा शुरू हुई तो सबसे पहले कांग्रेस के वायनाड से सांसद राहुल गांधी ने इसकी शुरुआत की. हालांकि, कयास पहले दिन को लेकर ही लगाए जा रहे थे. उन्होंने जब चर्चा की शुरुआत की तो पहले भारत जोड़ो का जिक्र किया. सबसे पहले उन्होंने संसद सदस्यता बहाली के लिए धन्यवाद किया. इसके बाद उन्होंने रुमी का उदाहरण देते हुए कहा कि जो शब्द दिल से आते हैं वो दिलों में जाते हैं, इसलिए वो दिल से ही बातें करेंगे. उन्होंने कहा कि पिछले साल 130 दिनों के लिए भारत के एक कोने से दूसरे कोने तक के लिए गया. लोगों ने पूछा- राहुल तुम क्यों चल रहे हो, कन्याकुमारी से कश्मीर तक क्यों जा रहे हो? मुझसे जवाब नहीं निकलता था, शायद मुझे ही नहीं मालूम था.जब कन्याकुमारी से यात्रा शुरू हुई तो सोच रहा था कि हिन्दुस्तान को समझना चाहता हूं लेकिन गहराई से मुझे मालूम नहीं था. थोड़ी देर में बात समझ आने लगी. जिस चीज से प्यार था, जिस चीज के लिए मैं मरने को तैयार हूं, जिस चीज के लिए जेल में जाने को तैयार हूं, उस चीज को समझना चाह रहा था. आज मैं उस भावना को देखूं तो वो अहंकार था. </p>
<p type="text-align: justify;">राहुल ने आगे कहा कि भारत यात्रा के दौरान दो-तीन तीन बाद घुंटने में दर्द शुरू हुआ. हर रोज उठने के बाद घुटने और हर कदम में दर्द.पहले दो-तीन दिनों में जो अहंकार था, भेड़िया जो निकला था वो चींटी बन गई. जो हिन्दुस्तान को अहंकार से देखने निकला था वो गायब हो गया. मैं डर के चल रहा था कि क्या मैं कल चल पाऊंगा. ये दिल में दर्द था.जब भी ये डर बढ़ता था, कहीं न कहीं से कोई न कोई शक्ति मेरी मदद कर देती थी.एक दिन मैं सह नहीं पा रहा था, छोटी से लड़की आठ साल की बच्ची चिट्ठी दे दी. उसने कहा मैं आपके साथ चलना चाहती हूं.उसने मेरे पैर में चोट देखी और उसने मुझे शक्ति दी.</p>
<p type="text-align: justify;"><span type="shade: #e03e2d;"><sturdy>मणिपुर पर राहुल ने बताए वो 2 वाकये</sturdy></span></p>
<p type="text-align: justify;">राहुल गांधी ने मणिपुर हिंसा के दौरान अपनी यात्रा का जिक्र कर संसद में दो वाकये बताए. ये वाकये बेहद हिलाने वाले थे. उन्होंने कहा कहा कि में कुछ दिन पहले मणिपुर गया था, जहां पर पीएम आज तक नहीं गए, क्योंकि उनके लिए मणिपुर हिन्दुस्तान नहीं है. उन्होंने आगे कहा कि मैंने मणिपुर शब्द प्रयोग किया, लेकिन आज की सच्चाई है कि मणिपुर नहीं बचा है. मणिपुर को दो भाग में कर दिया है, मणिपुर को तोड़ दिया है. मणिपुर के राहत शिविर में गया. मणिपुर के राहत शिविर में महिलाओं के साथ बातचीत की. एक महिला मुझे कहती है कि मैंने बहुत सारी महिलाओं के साथ बात की. एक महिला मुझे कहती है- मेरा छोटा सा बेटा, एक ही बच्चा था मेरा.मेरी आंखों के सामने उसे गोली मारी गई, ये सुनने के बाद पूरी रात उसकी लाश के सामने लेटी रही.फिर मुझे डर लगा, मैंने अपने घर छोड़ दिया. जो मेरे पास था वो सब मैंने छोड़ दिया.राहुल ने कहा कि जब मैंने उस महिला से पूछा कि कुछ तो लाई होगी. उसने कहा- नहीं, इसके बाद एक फोटो निकालकर कहती है- यही मेरे पास बचा है.</p>
<p type="text-align: justify;">दूसरे कैंप में एक महिला मेरे सामने आती है- मैं उससे पूछता हूं कि क्या हुआ तुम्हारे साथ? जैसे ही मैंने ये सवाल पूछा कि तुम्हारे साथ क्या हुआ- वैसे ही एक सेकेंड में वो कांपने लगी. उसने अपने दिमाग से उसे याद किया और उसी पल वो बेहोश गई. मैंने अपने सामने ये 2 उदाहरण दिए. राहुल ने कहा कि मणिपुर में इन्होंने हिन्दुस्तान को मारा गया. मणिपुर में हिन्दुस्तान का मर्डर किया है</p>
<p type="text-align: justify;">जाहिर है, राहुल गांधी की जुबानी में मणिपुर का ये आंखों देखा वाकया संसद में बताया गया, जिसके बाद नॉर्थ-ईस्ट में हिंसा के बाद के भयावहता का अंदाजा लगाया जा सकता है.</p>
<p type="text-align: justify;"><span type="shade: #e03e2d;"><sturdy>स्मृति ईरानी का करारा जवाब</sturdy></span></p>
<p type="text-align: justify;">हालांकि, राहुल गांधी की तरफ से मणिपुर को लेकर जो सवाल उठाए गए इसके जवाब में जरूर केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने पलटवार करते हुए कश्मीरी पंडितों की हत्या से लेकर सिखों के नरसंहार का जिक्र किया. उन्होंने सवाल उठाया कि कैसे जब राहुल मणिपुर में हिन्दुस्तान की हत्या की बात कर रहे हैं तो विपक्षी सांसद मेज थपथपा रहे हैं. उन्होंने 90 के दशक में गिरिजा टिक्कू के साथ हुए वाकये का जिक्र किया. </p>
<p type="text-align: justify;">स्मृति ईरानी ने पूछा कि सरला भट्ट का गैंगरेप का उसे सड़क किनारे उसे रखा गया, उसे कब इंसाफ मिलेगा? उन्होंने कहा कि कश्मीरी पीड़ितों की आवाज आपने कभी नहीं सुना. त्रिलोकपुरी में 30 औरतों को इकट्ठा कर उसका चिला गांव में बलात्कार किया. एक सिख दंगों के दौरान 45 साल की महिला ने कहा- मेरे साथ गैंगरेप, पति की हत्या के बाद मेरे बेटे को आग लगा दी गई. उन्होंने भीलवाड़ा में 14 साल की लड़की से गैंगरेप और उसे भट्ठी में जलाकर मारने का वाकया भी सदन के सामने रखा.</p>
<p type="text-align: justify;">जाहिर है, ऐसे कई वाकये हैं जो देश में हुए और सरकारें या ता मौन रही या उसके एक्शन पर सवाल उठते रहे. लेकिन, सवाल ये भी तो उठता है कि क्या उन उदाहरणों के साथ आज मणिपुर में जो कुछ भी हो रहा है उसको न्यायोचित ठहराया जा सकता है? अगर नहीं तो फिर सच का सामना करने से क्यों परहेज किया जा रहा है? इसके साथ ही, अगर मई के शुरुआत से इतनी लंबी हिंसा अगर किसी राज्य में चल रही है तो इसको लेकर सरकार ने कितनी संवेदनशीलता दिखाई है? हालांकि, सवाल ये जरूर उठाया जा रहा है कि संसद सत्र के शुरू होने से एक दिन पहले दो महिलाओं को नग्न कर घुमाने का वीडियो क्यों वायरल किया गया? लेकिन, सवाल ये भी तो उठता है कि अगर वो घटना 4 मई की थी तो ढाई महीने के तक इंटेलिजेंस को इसकी भनक क्यों नहीं लग पाती है? सवाल कई हैं, लेकिन राहुल ने आंखों देखी जिन घटनाओं का जिक्र किया, सन्न कर देने वाली ऐसी कई घटनाएं मणिपुर में हुई हैं, जो इंसाफ मांग रही हैं. ऐसे में हाथ पर हाथ धर कर चुप नहीं बैठा जा सकता है.</p>
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<p type="text-align: justify;"><sturdy>[नोट- उपरोक्त दिए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज़ ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.]</sturdy></p>
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Rajneesh Singh is a journalist at Asian News, specializing in entertainment, culture, international affairs, and financial technology. With a keen eye for the latest trends and developments, he delivers fresh, insightful perspectives to his audience. Rajneesh’s passion for storytelling and thorough reporting has established him as a trusted voice in the industry.