सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार (29 नवंबर) को कहा कि किसी भी और सभी प्रकार के नफरत भरे भाषणों के खिलाफ कार्रवाई जरूर की जानी चाहिए. कोर्ट की यह टिप्पणी तब आई जब वह हेट स्पीच के मुद्दे पर लोगों और समूहों की ओर से दायर की गई याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी. कोर्ट फरवरी में कई याचिकाओं पर सुनवाई करने पर सहमत हो गया है, जिनमें नफरत फैलाने वाले भाषणों पर अंकुश लगाने के लिए एक तंत्र स्थापित करने की मांग की गई है.
जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा, ”हम घृणा फैलाने वाले भाषणों की समस्या की देशभर में निगरानी नहीं कर सकते. भारत जैसे बड़े देश में समस्याएं तो होंगी ही लेकिन सवाल यह पूछा जाना चाहिए कि क्या हमारे पास इससे निपटने के लिए कोई प्रशासनिक तंत्र है.”